
शिमला। नगर निगम के इतिहास में पहली बार कोई मुख्यमंत्री इसका एसोसिएट सदस्य बनने जा रहा है। शिमला ग्रामीण क्षेत्र के तहत नगर निगम के वार्ड आते हैं। ऐसे में राज्य की छठी बार कमान संभालने जा रहे वीरभद्र सिंह की नगर निगम में भी भागीदारी होगी।
नगर निगम के 25 वार्ड तीन विधानसभा क्षेत्रों के तहत आते हैं। ऐसे में नगर निगम सदन में अब एसोसिएट मेंबरों की संख्या बढ़ गई है। शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र और कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक पहले भी एमसी के एसोसिएट सदस्य रह चुके हैं। पुनर्सीमांकन के बाद नया विधानसभा क्षेत्र बना शिमला ग्रामीण भी निगम परिधि के तहत आता है। ऐसे में अब इस विधानसभा क्षेत्र के भी एमसी के एसोसिएट सदस्य होंगे। इस सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष वीरभद्र सिंह चुनाव जीते हैं। मंगलवार को वीरभद्र सिंह छठी बार राज्य की कमान संभालने जा रहे हैं। ऐसे में पहली बार एक मुख्यमंत्री नगर निगम का एसोसिएट सदस्य है।
शिमला शहरी सीट का पूरा विधानसभा क्षेत्र नगर निगम की सीमा में है। इसके अलावा कसुम्पटी और शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र का 5 से 20 फीसदी तक का क्षेत्र नगर निगम की सीमा में आता है। कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम में मर्ज किए गए पांच वार्ड हैं। इसके अलावा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में टुटूू और बालूगंज वार्ड पड़ते हैं।
वोटिंग का नहीं मिलेगा अधिकार
शिमला शहरी, कसुम्पटी और शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी निगम सदन में शहर की समस्याएं उठा सकते हैं। इसके अलावा सदन में शहर के विकास के मुद्दे और अन्य किसी भी मुद्दे पर बहस कर सकते हैं। प्वाइंट आफ आर्डर के तहत प्रश्न उठा सकते हैं और सदन में प्रश्न लगा भी सकते हैं। लेकिन मनोनीत पार्षदों की तहत एसोसिएट मेंबर को भी वोट का अधिकार नहीं होगा।