
शिमला : पर्यावरण संरक्षण और कार्बन न्यूनता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पंचायतों और विभिन्न समुदायों को सरकार की योजनाओं के साथ जोड़ा जाएगा। यह बात प्रदेश के मुख्य सचिव सुदृप्त राय ने शनिवार को समुदाय आधारित आकलन, जागरूकता, परामर्श एवं कार्य परियोजना (सीएलएपी) की राज्य स्तरीय संचालन समिति की अध्यक्षता करते हुए कही। राय ने कहा कि यह कार्यक्रम एक ऐसी पहल है जिसके माध्यम से निचले स्तर तक लाभार्थियों को मौसम बदलाव व उनके जीवन पर इसके प्रभावों के बारे में बताया जाएगा। इसके माध्यम से वे इन दुष्प्रभावों को कम करने के लिए सामुदायिक स्तर पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यत: वायु, जल, ठोस कचरा, जैव विविधता व मौसम बदलाव जैसे मुद्दों को प्रमुखता से लिया जा रहा है जो न केवल पर्यावरण बल्कि जन जीवन पर भी प्रत्यक्ष प्रभाव डालते हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सभी 12 जिलों के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में इस कार्यक्रम को कार्यान्वित किया जाना प्रस्तावित है। इसे नागरिक समिति संगठनों और निचले स्तर पर कार्य कर रही विभिन्न संस्थाओं जैसे ईको क्लब, महिला एवं युवा मंडल, गैर सरकारी संगठनों, पंचायतों व स्थानीय शहरी निकायों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के प्रबंधन एवं क्रियान्वयन के लिए ‘डिवैल्पमैंट आल्टरनेटिवस’ एजैंसी को संबंध किया गया है जो पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मार्गदर्शन में कार्य करेगी। प्रदेश के 76 खंडों और 3 क्रियान्वयन क्षेत्रों में नैटवर्क मोबलाइजेशन का कार्य किया जाएगा।
1800 महिला मंडल और 3000 ईको क्लब होंगे शामिल
मुख्य सचिव ने कहा कि इस कार्यक्रम को प्रदेश की 1070 पंचायतों और 57 स्थानीय शहरी निकायों में लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 1800 महिला मंडलों, 300 युवा मंडलों और 3000 ईको क्लब को शामिल किया जाएगा। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि इस कार्यक्रम की सफलता के लिए योगदान दें ताकि प्रदेश को पहला कार्बन न्यूट्रल राज्य बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
इस मौके पर पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव नगीन नंदा ने सीएलएपी के अंतर्गत चल रही गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत इस वर्ष नवम्बर माह तक 493 पंचायतों में पर्यावरण आकलन का कार्य पूरा किया जा चुका है जबकि 177 पंचायतों को जागरूकता परामर्श अभियान के अंतर्गत शामिल किया गया है। इसके अलावा 338 पंचायतों की आकलन रिपोर्ट तैयार की गई है जबकि 200 पंचायतों को इस कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल की गई प्राथमिकताआें पर आधारित संदेश वाले होर्डिंग्स उपलब्ध करवाए गए हैं।