‘नीतीश को उस दल ने सेकुलर का तमगा दिया जो 84 के दंगों में शामिल था’

‘नीतीश को उस दल ने सेकुलर का तमगा दिया जो 84 के दंगों में शामिल था’

नई दिल्ली: पिछले 17 साल के रिश्ते टूटने के बाद भाजपा और जदयू में आई कड़ुवाहट के बीच मुख्य विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा नीतीश कुमार को ‘धर्मनिरपेक्ष’ बताने और बिहार के मुख्यमंत्री की ओर से उस पर आभार व्यक्त करने पर कटाक्ष किया। भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां कहा, ‘‘हम यह देख कर हैरान हैं कि नीतीश कुमार उस पार्टी के प्रधानमंत्री से धर्मनिरपेक्षता का प्रमाणपत्र पाकर खुश हैं जो 1984 के सिख विरोधी दंगों में शामिल रही है।

यह वही प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने असम की घटनाओं के बारे में एक शब्द नहीं कहा, जिसका कि वह राज्यसभा में प्रतिनिधत्व करते हैं।’’ असम का उल्लेख उन्होंने वहां हिन्दुओं और बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों के बीच हुए दंगों के संदर्भ में किया। बिहार में 16 जून तक गठबंधन की सत्ता में सहभागी रही भाजपा ने अब पूरी तरह विपक्ष की भूमिका में आते हुए नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर आड़े हाथ लिया, जिसे मुद्दा बना कर जदयू ने भाजपा से नाता तोड़ा है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘नीतीश ने धर्मनिरपेक्षता का तमगा उन प्रधानमंत्री से पाया है जिनका कहना है कि देश के संसाधनों पर मुसलमानों का पहला हक है।’’ बिहार में भाजपा की ओर से आज मनाए जा रहे ‘विश्वासघात दिवस’ के दौरान कुछ दिन पहले तक सहयोगी रहे दोनों दलों के कार्यर्ताओं के बीच भिडंत के लिए उन्होंने जदयू को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जब यह विपक्षी दल का बंद था तो उसके खिलाफ जदयू के लोग सड़कों पर क्यों उतरे।

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