हल्द्वानी। क्लीनिकल इस्टेब्लिस्मेंट बिल के विरोध में शनिवार को निजी अस्पताल और क्लीनिक में दिनभर ताले लटके रहे। चिकित्सकों ने सीतापुर नेत्र चिकित्सालय में बैठक कर इस बिल को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करने का ऐलान किया। इसके बाद चिकित्सकों ने एसडीएम कोर्ट तक जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।
चिकित्सालय में हुई बैठक में आईएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. जेएस खुराना ने कहा कि बिल रोगियों और चिकित्सक दोनों के हित में नहीं है। बिल लागू होने से स्वास्थ्य सेवाएं महंगी हो जाएगी, जिसका भार गरीब जनता नहीं उठा सकती। जिला सचिव डा. अजय पांडे ने कहा कि पहले रोगियों को इलाज के लिए बरेली, लखनऊ, दिल्ली आदि जगहों पर जाना पड़ता था, अब उसका आसानी से इलाज हल्द्वानी समेत कई स्थानीय जगहों पर निजी चिकित्सालय में हो रहा है, बिल लागू होने से यह सेवाएं प्रभावित हो जाएंगी। चिकित्सकों का आरोप है कि शासन ने बिना प्रदेश की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति का ध्यान रखे बिल को लागू कर दिया है। दिल्ली जैसे राज्य में इस बिल को लागू नहीं किया गया है, जहां पर ज्यादा संसाधन और सुविधाएं हैं। आईडीए के जिला सचिव डा. गौरव जोशी ने कहा कि बिल जनता के पक्ष में नहीं है। अस्पतालों को रेस्त्रां आदि के तर्ज पर संचालित नहीं किया जा सकता। प्रदर्शन में आईएमए के नगर अध्यक्ष डा. एमएस लस्पाल, डा. आरजेक सिंह, डा. डीसी पंत, डा. केसी लोहनी, डा. एनके मेहता डा. विनय खुल्लर, डा.आरसी जोशी, डा. एसके शर्मा, डा.अशोक लोहनी, डा. सुभाष मेहता आदि मौजूद थे।
रोगियों को हुई परेशानी
हल्द्वानी। निजी अस्पताल और क्लीनिक बंद होने से रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एक अनुमान के मुताबिक शहर में प्रतिदिन आठ से दस हजार रोगी जांच एवं इलाज के लिए निजी चिकित्सालय और डायग्नोस्टिक केंद्रों में आते हैं। शनिवार को यहां ताला लटका होने से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। प्रदर्शन में आईएमए, नीमा, आयुष, विश्व आयुर्वेद परिषद, इंडियन डेंटल एसोसिएशन आदि विभिन्न चिकित्सा सेवा से जुड़े चिकित्सक शामिल थे।
बेस और एसटीएच में लगी भीड़
हल्द्वानी। बेस और सुशीला तिवारी अस्पताल खुले होने से रोगियों का दबाव इन अस्पतालों में रहा। दोपहर तक अस्पताल में लंबी लाइन लगी रही। बेस अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीजों का दबाव था।