ननखड़ी में कहां से आई सुफला खाद?

रामपुर बुशहर। ननखड़ी ब्लाक में बागवानों को एनपीके 15:15 (सुफला खाद) बेचने का मामला प्रकाश में आया है। जबकि इस समय हिमाचल में यह खाद उपलब्ध ही नहीं है। ननखड़ी ब्लाक में खाद कहां से आई और इसे कौन लाया है? इसके बारे में पता नहीं चला है। यह खाद 2009 बैच की बताई जा रही है। चार साल पुरानी खाद को बेचने से बागवानों के साथ सरेआम धोखा हो रहा है।
हिमाचल में एनपीके 15:15 की आपूर्ति राष्ट्रीय केमिकल फर्टिलाइजर लिमिटेड बांबे से होती है। करीब एक साल से इस प्लांट से इस खाद की आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे हिमाचल में सुफला खाद का संकट बना हुआ है। बावजूद इसके ननखड़ी में सुफला खाद की बिक्री ने कई सवाल खड़े किए हैं। बताते हैं कि बागवान एक-दूसरे के संपर्क में आने के बाद खाद खरीद रहे हैं इसलिए उन्हें भी पता नहीं है कि वास्तव में इस खाद को कौन लाया है। अब तक ननखड़ी ब्लाक में ननखड़ी, खमाडी, खोलीघाट आदि क्षेत्रों में खाद बेची जा चुकी है। खाद पोषक तत्वों की कमी को पूरा करती है इसलिए इसको बगीचों में डालना जरूरी है। इसका लाभ उठाकर अवैध विक्रेता बागवान से खाद के एक कट्टे के एक हजार रुपये तक वसूल कर रहे हैं, जबकि पचास किलो के एक कट्टे की कीमत 581 रुपये के आसपास है। इतना ही नहीं कट्टे में लिखे बैच नंबर से साफ पता चलता है कि खाद पुरानी है। इसमें बैच नंबर 2009 लिखा है। कंपनी से निकलने के बाद करीब एक साल के अंदर ही खाद को इस्तेमाल करना होता है। इससे साफ है कि बागवान न केवल लुट रहे हैं बल्कि उनके साथ धोखा भी हो रहा है।
उधर, हिमफेड के क्षेत्रीय प्रबंधक केवल राम ने ननखड़ी ब्लाक में सुफला खाद बेचे जाने के मामले की पुष्टि की है। कई बागवानों ने उनसे इसकी शिकायत की है। उन्होंने माना कि हिमाचल में यह खाद करीब एक साल से नहीं आई है।

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