दो बार कराया कोख में बेटी का कत्ल

देहरादून। दून महिला हॉस्पिटल के परिसर में बुधवार को हमारी मुलाकात एक ऐसे दंपति से हो गई जो कन्या भ्रूण हत्या का गुनाहगार था। कुदरत ने उन्हें ऐसी सजा दी है कि वह एक बेटी के लिए रात-दिन तरसता है और आंसू बहाता है। इस दंपति ने तीन बार कोख में बेटी का कत्ल कराया था। गर्भपात कराने के कारण महिला को ऐसा रोग हुआ जिसने उसे बांझपन के कगार पर पहुंचा दिया।
डाक्टर के ओपीडी चैंबर से जांच कराने के बाद हॉस्पिटल गेट पर मायूस खड़े पति-पत्नी ने कुरेदते ही कहानी सुना डाली। पूछने पर फिर नाम-पता छिपाने लगे। पति बोला कि पाप की मार पड़ रही है। हमें उनके नाम-पता बताने में दिलचस्पी भी नहीं है, मकसद सिर्फ आम लोगों को यह संदेश देना है कि कोख में कत्ल कराने वाले किस तरह एक औलाद के लिए तरसते हैं।
राजपुर रोड के रहने वाले ये पति-पत्नी पहले बेटा चाहते थे, इसलिए गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण कराकर गर्भपात कराते रहे। लगातार तीन बार गर्भपात कराने के बाद गर्भ ठहरना बंद हो गया। स्त्री रोग विशेषज्ञों ने जांच करके बताया कि गर्भाशय अतिसंवेदनशील हो गया है और भी कई बीमारियां हो गईं, जिससे सर्जरी करके गर्भाशय निकालना पड़ेगा। पत्नी का मनोरोग विशेषज्ञ के यहां इलाज चल रहा है। अब वे किसी बेटी को गोद लेने के लिए कोशिश में हैं। कहते हैं कि कन्या भ्रूण हत्या की कुदरत ने सजा दे दी।

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