
नई दिल्ली
सॉफ्टवेयर के निर्माण में दुनिया में अपना लोहा मनवा चुके देश में चिप और हार्डवेयर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं। केंद्र सरकार इलेक्ट्रॉनिक चिप निर्माताओं के साथ हाइ-टेक इकाई स्थापित करने पर विचार कर रही है। देश में चिप फेब्रिकेशन इकाइयां स्थापित होने से 2020 तक तकरीबन तीन करोड़ लोगों के लिए रोजगार भी मिल सकता है।
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि इस वर्ष हमें इलेक्ट्रॉनिक चिप फेब्रिकेशन इकाई की स्थापना करनी है। जल्द इस प्रस्ताव हमारे समक्ष आएगा जिसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए ले जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश में दो सेमिकंडक्टर प्लांट स्थापित करने की परियोजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। इसमें तकरीबन 25,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है।
इसके साथ ही सरकार 10 निर्माण क्लस्टरों में स्थापित होने वाली तकरीबन 100 इकाइयों से भी 25,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद कर रही है। सोशल मीडिया पर नियंत्रण को लेकर आलोचनाओं से घिरे कपिल सिब्बल साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी कई अहम कदम उठाने जा रहे हैं। बैंक और वित्तीय लेनदेन के अलावा व्यक्तिगत सूचना में सेंधमारी के बढ़ते मामलों को भी सरकार गंभीरता से ले रही है। सिब्बल का कहना है कि सरकार जल्द ही राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति को अंतिम रूप देगी।
सिब्बल का कहना है कि उन्होंने वित्त मंत्रालय के सामने आईटी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को करों में रियायत देने की मांग रखी है। इस बारे में अंतिम फैसला वित्त मंत्री करेंगे, लेकिन उन्हें पूरी उम्मीद है कि सरकार इस क्षेत्र पर खास ध्यान देगी। देश में कंप्यूटर साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार राष्ट्रीय ई-साक्षरण अभियान शुरू की तैयारी भी कर रही है। सरकार की तैयारी इस साल के भीतर इस योजना को शुरू करने की है।