
बालीचौकी (मंडी)। क्षेत्र में गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई। महिला के मृत शरीर को देखकर उसकी सगी ताई के प्राण भी छूट गए। मामला बालीचौकी क्षेत्र की बागाचनोगी पंचायत के देयोल गांव का है, जहां एक के बाद मौत की एक अन्य घटना से हर कोई सन्न रह गया। हंसा देवी (21) पत्नी लीलामणि ने शुक्रवार सायं करीब सवा चार बजे प्रसव के दौरान एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन बच्ची के जन्म की खुशी चंद घंटों के बाद ही मातम में बदल गई। प्रसूता महिला की सायं सात बजे अचानक मौत हो गई। घटना का पता हंसा देवी का मायका ग्राम पंचायत जैंसला के गांव दरशूण में चला तो मायके वाले रोते-बिलखते शनिवार तड़के मृतका के ससुराल पहुंच गए, लेकिन इस बीच एक और अनहोनी घटना घट गई। मृतका की 65 वर्षीय ताई ब्रेस्ती देवी अचानक बीच आंगन में गिर पड़ी और देखते ही देखते उसके भी प्राण पखेरू उड़ गए। महिला की ताई की मौत का कारण हृदय गति रुकना बताया जा रहा है।
इस पूरी घटना ने सवालाें को जन्म दे दिया है। प्रसूता महिला की डिलीवरी घर में ही दाइयाें के हाथों हुई, जो पुराना तरीका है। इस गांव से नजदीक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र बागाचनोगी पड़ता है, लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में न तो माकूल स्टाफ है और न ही इस तरह के मामलाें से निपटने के लिए वहां डाक्टर तैनात है। सराजघाटी के ग्रामीण इलाकों में आज भी गौशालाओं में महिलाआें की डिलीवरी करवाई जा रही है। इससे ग्रामीण स्तर पर सरकार के स्वास्थ्य दावों की पोल खुल रही है।
ग्राम पंचायत बागाचनोगी के प्रधान परमदेव, योगेश कुमार, कल्हण पंचायत उप प्रधान खूबेराम, वार्ड पंच राम दास, पूर्व पंच भूप चंद आदि ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सवाल उठाए हैं। उक्त लोगों ने मांग की है कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक पंचायत और गांव में प्रशिक्षित दाइयों की व्यवस्था की जाए, जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। उधर, इस बारे में जब सीएमओ मंडी डा. एबी गुप्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वह बैठक में व्यस्त हैं, इसलिए इस मामले पर फिलहाल कुछ नहीं कह सकते।