
मंडी। पति-पत्नी के आपसी संबंधों के बीच टकराव परिवाराें में विघटन एवं दूरियों की वजह बन रहा है। इक्कीसवीं सदी में भी दांपत्य संबंधों में तकरार की वजह न सिर्फ दहेज जैसी कुरीतियां बन रही हैं, बल्कि वैवाहिक मतभेद, शराब एवं नशे की आदत तथा घरेलू हिंसा भी वैवाहिक जीवन को अलग कर रही है।
परिवार परामर्श केंद्र मंडी की ओर से जारी पिछले तीन वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो पति-पत्नी के बीच अलगाव एवं विघटन के कुल 276 मामले सामने आए हैं। वर्ष 2010-11 में दहेज से संबंधित 7, वैवाहिक मतभेद 46, शराब एवं अन्य नशे की आदत संबंधी 33 तथा घरेलू हिंसा के 45 मामलाें सहित कुल 131 मामले सामने आए। वहीं वर्ष 2011-12 में क्रमवार 6, 23, 23 एवं 23 जबकि वर्ष 2012-13 में 7, 23, 15 एवं घरेलू हिंसा के 25 मामले सामने आए। हालांकि वर्ष 2010-11 के बाद परिवार विघटन के मामलों में थोड़ी कमी जरूर आई है। लेकिन स्थिति अभी भी पटरी पर नहीं है।
इधर, परिवार परामर्श केंद्र मंडी की वूमन एंड चाइल्ड स्पोर्ट यूनिट की प्रभारी कमला घई का कहना है कि समाज में दहेज कुप्रथा, वैवाहिक मतभेद, नशा तथा घरेलू हिंसा आदि कारणों से परिवाराें में अलगाव की स्थिति पैदा हो रही है। तीन साल में इस तरह के कुल 276 मामले सामने आए है। जिनमें से 50 मामले कानूनी सहायता के लिए कोर्ट में दिए गए। 25 मामले पुलिस सहायता जबकि 150 मामले परिवार परामर्श केंद्र द्वारा सुलझाए गए। शेष मामलों को सुलझाने के लिए काउंसलिंग जारी है।