
रोहडू। भारी वर्षा के बाद फिर मौसम ने करवट बदल ली है। वर्षा से तापमान में गिरावट आ गई है। बागवानी विशेषज्ञों का मानना है कि अब ठंड बढ़ना सेब फसल के लिए घातक है। ठंड से सेब की फ्लावरिंग प्रभावित होने की संभावना है। इसका सीधा असर सेब की सेटिंग पर पड़ सकता है। ठंड बढ़ने से पाला पड़ने का खतरा भी बढ़ गया है।
वीरवार शाम से क्षेत्र में रुक-रुक कर तेज बारिश तथा हवाओं का सिलसिला चलता रहा। इससे तापमान काफी लुढ़क गया है। शुक्रवार को भी दिन भर आसमान में बादल छाए रहे। ठंड बढ़ने से फ्लावरिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। रात के समय मौसम साफ रहने से पाला पड़ने का खतरा भी बना हुआ है। कम ऊंचाई वाले बगीचों में फ्लावरिंग जोरों पर है। जबकि, मध्यम ऊंचाई वाले बगीचों में पिंक बर्डस निकल चुके हैं। ठंड के कारण मधु मक्खियां बगीचे में परागण भी नहीं कर पा रही हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों में सेब की फसल पर प्रभाव पड़ेगा, इसी बात को लेकर बागवान चिंतित हैं। बागवानी विशेषज्ञ डा. नरेंद्र कायथ के अनुसार ठंड बढ़ना सेब के लिए खतरनाक है। अगर रात के समय मौसम साफ रहता है तो पाला भी पड़ सकता है। पाला सेब की फ्लावरिंग और सेटिंग को पूरी तरह से प्रभावित करता है। अच्छी फ्लावरिंग के लिए न्यूनतम 18 डिग्री तापमान होना चाहिए। अगर तापमान 18 डिग्री से नीचे बना रहा तो सेब की फसल खतरे में पड़ सकती है।