
रोहडू। जुब्बल तहसील के अंतर्गत परौंठी गांव में शनिवार को शांद महायज्ञ शुरू हो गया। महायज्ञ में उत्तराखंड के हनोल से देवता महासू विशेष रूप से पहुंचे हैं। रविवार को शिखा पूजन की रस्म के साथ ही महायज्ञ में पूर्ण आहुति डाली जाएगी। परौंठी में तीन दिन तक शांद महायज्ञ का आयोजन होगा। शनिवार को महायज्ञ के पहले दिन हनोल से देवता महासू का आगमन हुआ। साथ ही ठियोग के गजैड़ी से खूंदो का आगमन भी आकर्षण का केंद्र रहा। महायज्ञ में विशेष रूप से पूजा अर्चना के लिए कलौंथा के मियां का भी पहले दिन आगमन हुआ। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण देवलुओं का नृत्य रहा। पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुनों पर तलवारें लहराते हुए देवलु दिन भर नाचते रहे। सभी देवलुओं के रहने की व्यवस्था परौंठी में ही की गई है। स्थानीय निवासी देविंद्र पांटा ने बताया कि शांद महायज्ञ में पहले दिन ही भारी संख्या में लोग पहुंच गए हैं। रविवार को शिखा पूजन की रस्म होगी, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से परौंठी गांव पहुंचेंगे। स्थानीय महासु देवता के भंडारी रमेश चौहान, राजेंद्र तथा देवता के सयाणे भोपिंद्र पांटा ने बताया कि क्षेत्र में सुख शांति के लिए शांद महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। यह महायज्ञ तीन दिन तक चलेगा। रविवार को शिखा पूजन की रस्म होगी तथा सोमवार को देवताओं की विदाई रस्म उछड़ पाछड़ के साथ ही शांद महायज्ञ का समापन होगा।