जिम्मेदारी से बचना मुश्किल

पालमपुर (कांगड़ा)। सांसद निधि का पैसा खर्च न करने वाले अधिकारियों के साथ अब पंचायत प्रधान भी नपेंगे। धर्मशाला में पांच फरवरी को अधिकारियों के साथ प्रस्तावित बैठक होते ही सांसद राजन सुशांत विकास कार्यों को दिया पैसा खर्च न करने वाले लोगों की जवाबदेही तय करेंगे। इससे कई अधिकारियों और पंचायत प्रधानों पर भी तलवार लटक जाएगी। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। इतना तय है कि वह अपनी जिम्मेवारी से बच नहीं पाएंगे।
सुशांत ने कहा कि उन्होंने 2009 में अपनी सांसद निधि से कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र में कई पंचायतों में जनहित में विकास कार्यों के लिए साढ़े 12 करोड़ रुपए दिए थे। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक इन विकास कार्यों पर सिर्फ पांच करोड़ रुपए के ही कार्य संपन्न हो पाए हैं और तीन करोड़ रुपए के विकास कार्य प्रोग्रेस में हैं। जबकि चार करोड़ रुपए कई जगहों पर डंप पड़ा हुआ है। ऐसे मेें उन्होंने फैसला लिया कि जिस पैसे को अभी तक जनहित में खर्च नहीं किया है, उस पैसे को वापस ले लिया जाए और उसे अन्य कार्यों पर खर्च किया जा सके। दो करोड़ रुपया वापस आ गया है।
शनिवार को पालमपुर पहुंचे सुशांत ने कहा कि उन्हें उस समय और हैरानी हुई, जब उनकी धर्मशाला में सभी बीडीओ के साथ बैठक हुई तो उसमें 70 प्रतिशत बीडीओ इस बात का जवाब ही नहीं दे पाए कि पैसा कहां है। साथ ही कई प्रधानों ने भी एग्रीमेंट कर पैसे अपने नाम जमा करवा रखे हैं। अब वह बताएं कि उसका ब्याज कौन देगा? जो काम 2009 में सस्ती दरों पर होना था, अब वह दोगुनी लागत से होगा। इसका जिम्मेवार कौन होगा?

कई पंचायतों का किया दौरा
सुशांत ने शनिवार को भवारना, भेडू महादेव व लंबागांव ब्लाक की कई पंचायतों का दौरा किया। उन्होंने शनिवार को आईमा, घुग्घर, मैंझा, रमेहड़, गढ़, बदांहु के रोड़ा ढाटी व खुड़ल व शांतल आदि कई पंचायतों में विकास निधि के कामों को लेकर दौरा किया। उन्होंने घुग्घर, मैंझा व शांतल पंचायतों के कामों को संतोषजनक बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पूर्व सैनिक लीग पालमपुर के लिए भवन के लिए पहले तीन लाख दिया। इसका हुत अच्छा काम किया था। लेकिन उसके बाद उन्होंने दो लाख रुपए और दिए लेकिन अफसोस कि वह दो लाख लीग के पास पहुंचा ही नहीं। अब उन्होंने जल्द पैसा देने के आदेश दिए हैं।

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