छह गांवों की दो हजार नाली भूमि बही

कीर्तिनगर। अलकनंदा की बाढ़ के बाद विकास खंड के करीब आधा दर्जन गांवों की दो हजार नाली से अधिक की कृषि भूमि बह गई है। ग्रामीणों ने इसके लिए बांध निर्माता कंपनी जीवीके को दोषी ठहराया है। इसे लेकर जाखणी गांव में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें ग्रामीणों ने कंपनी से मुआवजे की मांग की।
जाखणी में बुधवार को आयोजित बैठक में घिल्डियाल गांव, देवली, नैथाणा आदि के ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बांध निर्माता कंपनी के डंपिंग यार्ड की वजह से छह गांवों को खतरा पैदा हो गया है। 16 जून की बाढ़ में जीवीके के डंपिंग यार्ड का सारा मलबा गांवों में भर गया और करीब दो हजार नाली से अधिक कृषि भूमि बह गई है। तटबंध बह जाने से अब गांवों पर कटाव का खतरा बढ़ गया है। संपर्क मार्ग बह जाने से आवाजाही बाधित हो गई है। इसके चलते गांवों में जरूरत का सामान नहीं पहुंच पा रहा है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य रंजन रतूड़ी ने कहा कि यदि जीवीके कंपनी प्रभावित गांवों को एक हफ्ते के अंदर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होगें। इस मौके पर देवली प्रधान चिरंजीव पुंडीर, पूर्व प्रमुख विजयंत सिंह निजवाला, जयकृष्ण खंडूड़ी प्रधान घिल्डियाल गांव, अनिल गोदियाल, हरीश चंद्र पांडेय, सूर्य प्रकाश सकलानी, अनिल गोदियाल, विजय राम गोदियाल आदि मौजूद थे।

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