
वीरभद्र सिंह रिकॉर्ड छठी बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं। ऐतिहासिक रिज मैदान में राज्यपाल उर्मिला सिंह ने वीरभद्र सिंह और नौ मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्री हैं- विद्या स्टोक्स, ठाकुर कौल सिंह, जीएस बाली, सुजान सिंह पठानिया, ठाकुर सिंह भरमौरी, प्रकाश चौधरी, मुकेश अग्निहोत्री, सुधीर शर्मा और धनीराम शांडिल।
हाल ही में विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने फतह हासिल की थी। 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 36, भाजपा को 26 और अन्य को 6 सीटें मिली।
इससे पहले विशेष न्यायाधीश (वन) शिमला बीएल सोनी की अदालत ने भ्रष्टाचार के कथित आरोपों के बहुचर्चित सीडी केस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी एवं पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह को सोमवार को बरी कर दिया।
न्यायाधीन ने आदेश में कहा कि अदालत ने कहा कि अभियोजन इस मामले को साबित करने में असफल रहा है। इसलिए वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह को आईपीसी 120 बी सहित भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम की धारा 7, 11, 13(1)(डी) सहित 13(2) में बरी कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त आईपीसी की धारा 120-बी और भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम की धारा 9 के तहत प्रतिभा सिंह को भी आरोपमुक्त किया जाता है। उनके बेल बोंड्स और श्योरिटी बोंड्स भी कैंसल और डिस्चार्ज किए जाते हैं।
अदालत ने कहा कि चूंकि प्रतिभा सिंह की ओर से मैकमोहन लिमिटेड और अंबुजा सीमेंट से संबंधित मामलों पर व्यक्तिगत प्रभाव बनाने का कोई प्रमाण नहीं है। न ही वीरभद्र सिंह के खिलाफ किसी प्रकार के मिस कंडक्ट का सबूत है। इसलिए इन सारे बिंदुओं को नकारा जाता है।
सत्य की जीत है यह: वीरभद्र
वीरभद्र सिंह ने कहा कि यह सत्य की जीत है। उन्होंने हमेशा ईमानदारी से हिमाचल की सेवा की है। उनके राजनीतिक विरोधियों ने उन पर यह झूठा सीडी मामला बनाया और आज उन्हें न्याय मिल गया है। उन्होंने कहा कि धूमल सरकार ने उन पर पूर्व में भी कई झूठे केस बनाए थे, लेकिन वह सच्चाई के साथ थे और उनकी छवि को कोई धूमिल नहीं कर पाया।