
शिमला : प्रदेश लोक निर्माण विभाग के राष्ट्रीय राजमार्ग डिवीजन के अनुसार नगर निगम शिमला द्वारा ग्रीन फीस वसूली विभाग की अनुमति के बगैर अवैध है और इस वसूली को जारी नहीं रखा जा सकता। ग्रीन टैक्स वसूली के तौर-तरीकों पर सवालिया निशान लगाने वाली याचिका के जवाब में विभाग ने हाईकोर्ट को बताया कि नगर निगम शिमला ने ग्रीन टैक्स वसूली के लिए जरूरी परमिशन नहीं ली है और न ही विभाग ने निगम को राष्ट्रीय राजमार्ग पर इस तरह के टैक्स या फीस वसूली की अनुमति दी है।
हालांकि विभाग ने अपने संक्षिप्त उत्तर में कहा है कि यदि नगर निगम सभी शर्तों को पूरा करने के पश्चात राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित अनुमति प्राप्त कर लेता है तो शिमला शहर के लिए ग्रीन फीस की वसूली के लिए बैरीकेड्स लगाने की अनुमति दी जा सकती है। अपने जवाब में विभाग का कहना है कि उसने अवैध बैरीकेड्स हटाने के लिए समय-समय पर उचित कदम भी उठाए हैं।
नगर निगम शिमला द्वारा दायर अपने जवाब में न्यायालय को बताया गया है कि ग्रीन टैक्स वास्तव में ग्रीन फीस वसूली है जो बाहरी राज्यों की गाडिय़ों पर लगाया जा रहा है। सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के पश्चात ही ग्रीन फीस वसूली के लिए टैंडर आमंत्रित किए गए हैं। 15 सितम्बर से वसूली जा रही ग्रीन फीस राष्ट्रीय राजमार्ग को बिना क्षति पहुंचाए वसूली जा रही है। शहरी नागरिकों को भी इस वसूली के कारण कोई दिक्कतें पेश नहीं आ रही हैं। हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में लोक निर्माण विभाग की ओर से दायर जवाब में अनुमति बिना वसूली को गैर-कानूनी ठहराने के आरोप पर नगर निगम से जवाब मांगा है।