गैंगरेपः सरकारी गवाह बनना चाहते हैं दो दरिंदे

चलती बस में हैवानियत की हदें पार कर देने वाले दरिंदे सख्त सजा से बचने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे हैं। गैंगरेप के छह में से दो आरोपियों ने इसी कोशिश में सरकारी गवाह बनने की इच्छा जाहिर कर दी है। उन्होंने कोर्ट में पेशी के दौरान यह बात कही। वहीं, दो अन्य अभियुक्तों ने वकील मुहैया कराने की मांग की है।

रविवार को चार आरोपियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, राम सिंह और उसके भाई मुकेश को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ज्योति क्लेर के चैंबर में पेश किया गया। इन चारों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत रविवार को खत्म हो गई थी। पेशी के दौरान पवन और विनय ने वकील की मदद लेने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि वह सरकारी गवाह बनना चाहते हैं। वहीं, राम सिंह और मुकेश ने अपनी पैरवी के लिए वकील मुहैया कराने की मांग अदालत से की। मजिस्ट्रेट ने इन चारों आरोपियों की न्यायिक हिरासत 19 जनवरी तक बढ़ा दी है। साथ ही उनसे संबंधित अदालत के समक्ष सोमवार को पेश होने के लिए कहा है। मालूम हो कि चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए अदालत ने उनके खिलाफ 7 जनवरी के प्रोडक्शन वारंट जारी किए हैं।

कानून के जानकारों का कहना है कि ऐसे जघन्य अपराध में शामिल रहे आरोपी सजा से बचने के लिए सरकारी गवाह बनने की उम्मीद नहीं कर सकते। कानून विशेषज्ञ कहते हैं कि जिन मामलों में जांच एजेंसियां पुख्ता सुबूत जुटाने में नाकाम रहती हैं, आम तौर पर उन मामलों में ही किसी आरोपी को एप्रूवर बनने के लिए कहा जाता है, ताकि जरूरी साक्ष्य मिल सकें। एप्रूवर बनने के बदले में आरोपी को कम सजा दी जाती है या वह सजा से बच भी सकता है।

बहरहाल, चारों आरोपियों की पेशी के बाद खुली अदालत में मजिस्ट्रेट ने कहा कि इन सभी को बता दिया गया है कि यदि उन्होंने कोई वकील तय नहीं किया है तो वे कानूनी मदद मांग सकते हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि राम सिंह और मुकेश को उनकी इच्छा के मुताबिक वकील मुहैया कराया जाए। मजिस्ट्रेट ने कहा कि पवन और विनय सरकारी गवाह बनने के लिए संबंधित अदालत के समक्ष उचित आवेदन पेश करें।

पुलिस ने बताया कि पांचवें आरोपी अक्षय ठाकुर को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वह 9 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में है। वहीं, छठा आरोपी नाबालिग है। उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया जाएगा।

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