गुस्साए लोगों की नारेबाजी

बिलासपुर। परिवहन कर्मियों द्वारा मांगों को लेकर शुरू किए गए वर्क-टू-रूल आंदोलन का असर पहले दिन से ही नजर आने लगा है। मंगलवार शाम निगम के कई चालकों-परिचालकों ने आठ घंटे की अवधि संपन्न होने के बाद ड्यूटी देने से इंकार कर दिया। इससे बिलासपुर जिले के कई लोकल रूट प्रभावित हुए। बसों का इंतजार कर रही सवारियों ने निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की।
स्कूल-कालेज के विद्यार्थियों व कर्मचारियों समेत कई अन्य लोग शाम को इन बसों से घर जाते हैं। मंगलवार शाम भी बंदला, समैला, लुहारघाट व मलोखर आदि स्थानों पर जाने के लिए लोग बस अड्डे पर पहुंचे, लेकिन कर्मियों ने वर्क-टू-रूल के तहत आठ घंटे पूरे होने का हवाला देते हुए ड्यूटी देने से इंकार कर दिया। इससे लोग मुसीबत में पड़ गए। इसी दौरान कीरतपुर-जाहू रूट की बस भी अड्डे पर पहुंची। अन्य स्थानों के लिए बस का इंतजार कर रहे लोगों ने उसे भी रोक दिया। इस दौरान गुस्साए लोगों ने निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी भी की।
सिहड़ा व बंदला के लिए बस के इंतजार में खड़े लोगों संतराम, रामपाल, बलदेव, रामदास, विवेक तथा छात्राओं वंदना, सीमा, नेहा व अनु ने बताया कि बस स्टाप पर उतरने के बाद घर पहुंचने के लिए उन्हें पैदल दूरी भी तय करनी पड़ती है। अंधेरा यहीं हो गया है। ऐसे में रात के समय घर पहुंचने की समस्या खड़ी हो गई है। सिहड़ा पंचायत प्रधान रूपलाल ठाकुर ने कहा कि हड़ताल के चलते आम लोगों, छात्रों, विशेष रूप से छात्राआें को परेशानी हो रही है। सड़क से उतरकर कई लोगों को 2-3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। बिलासपुर में रुकने के लिए कोई ठिकाना नहीं है। ऐसे में लोग रात को घर कैसे पहुंचेंगे। उन्होंने सरकार से समस्या के जल्द समाधान की मांग की।
स्थिति गंभीर होते देख शाम करीब साढ़े छह बजे परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक योगराज ठाकुर भी बस अड्डे पर पहुंचे। शाम करीब 7 बजे समाचार लिखे जाने तक उनकी संघर्ष समिति के नुमाइंदों से वार्ता चल रही थी। बस अड्डे पर कई सवारियां परेशानी की हालत में थी। कई लोगों को मजबूरन टैक्सियों का सहारा लेना पड़ा। शाम को एसडीएम रोहन ठाकुर बस अड्डे पर पहुंचे और लोगों को दिक्कत को देखते हुए परिवहन विभाग से निजी बसों पर रूट पर भेजने को कहा।

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