खतरे वाली जगह पर न करें योजनाओं की संस्तुति : हरक

नई टिहरी। जिले के प्रभारी मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि आपदा के नाम पर अधिकारी पेयजल, स्कूल, पंचायत भवन, मिलन केंद्र और स्वास्थ्य केंद्रों के लिए खतरे की जद वाले स्थानों पर निर्माण करने की संस्तुति न करें। किसी भी गांव में दूषित जलापूर्ति के लिए जल संस्थान, जल निगम और स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार माना जाएगा। आपदा से केदारनाथ में हुई तबाही को देखते हुए सरकार जानमाल के नुकसान को बचाने के लिए सख्त कदम उठाएगी।
प्रभारी मंत्री रावत ने आपदा से हुए नुकसान के संबंध में कलक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक ली। कहा केदारनाथ में घोड़े खच्चरों, मजदूरों, होटल वालों के रजिस्ट्रेशन तथा अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी थी, लेकिन स्थानीय लोगों, जिला पंचायत और पंडा पंचायत ने इसका विरोध किया। अब सरकार ने नदी, नाले और गदेरों के किनारे भवनों के निर्माण प्रतिबंधित कर दिया है।
जिला चिकित्सालय में डाक्टरों की कमी पर मंत्री ने सीएमओ को आडे़ हाथों लिया। पूछा शासन में कितनी बार इस मामले में पत्राचार किया गया। अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा से प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा दिया जाए। जीर्णशीर्ण विद्यालयों में कक्षाएं न चलाएं, वैकिल्पक व्यवस्था कर पंचायत घर और सुरक्षित स्थानों पर व्यवस्थाएं की जाएं।

थत्यूड़ नहीं पहुंच पाए प्रभारी मंत्री
नैनबाग (टिहरी)। जिले के प्रभारी मंत्री हरक सिंह रावत बृहस्पतिवार को थत्यूड़ नहीं पहुंच पाए। जिससे मंत्री के सम्मुख अपनी पीड़ा रखने के लिए आए ग्रामीणों को निराश लौटना पड़ा। नाराज लोगों ने कहा कि सरकार आपदा पीड़ितों के प्रति गंभीर नहीं है।
आपदा पीड़ितों की समस्या सुनने के लिए कृषि मंत्री हरक सिंह रावत को सुबह 10 बजे थत्यूड़ ब्लाक मुख्यालय पहुंचना था। ब्लाक में ग्रामीणों और अधिकारियों के साथ बैठक तय की गई थी। इस सूचना पर ग्रामीण क्षेत्रों से लोग सुबह 8 बजे से ही इंटर कालेज के प्रांगण और ब्लाक मुख्यालय में अपनी-अपनी समस्या को लेकर एकत्रित होने लगे। लेकिन जब मंत्री के कार्यक्रम स्थगित होने की सूचना मिली तो लोगों को निराश हो गए। उन्हाेंने कहा कि वह बड़ी उम्मीद के साथ मंत्री को मिलने आए थे। आपदा में अपना घर गवां चुके परोड़ी के सुंदरलाल लेखवार, खेमराज और सिरगांव के सोबन सिंह, महीपाल सिंह, कुंवर सिंह व कपूर सिंह ने कहा कि सरकार पीड़िताें के जख्मों पर मरहम लगाने के प्रति उदासीन है।

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