
ददाहू (सिरमौर)। मार्च के प्रथम सप्ताह में होने वाली वार्षिक परीक्षाओं को लेकर स्कूल प्रबंधकों की चिंता बढ़ने लगी है। जिन स्कूलों को ओपन स्कूल की परीक्षाओं का केंद्र बनाया गया है, उनमें स्थिति बड़ी विकट बन चुकी है। स्कूलों में परीक्षार्थियों को बैठाना भारी पड़ सकता है, क्याेंकि आसपास के निजी स्कूलों के बच्चे भी परीक्षा देने इन्हीं केंद्रों में पहुंचते हैं। ददाहू वरिष्ठ स्कूल में वार्षिक परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों की संख्या बढ़कर करीब डेढ़ हजार का आंकड़ा पार कर सकती है। यहां के परीक्षा हाल में करीब 60 से 70 परीक्षार्थी ही बैठ सकते हैं। शेष परीक्षार्थियों की व्यवस्था कमरों में होती है। इस वर्ष स्थिति काफी विकट है। वरिष्ठ स्कूल ददाहू में पहले ही बच्चों की संख्या करीब 775 है, जबकि ओपन स्कूल के तहत शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों की संख्या भी करीब 650 है। इन्होंने परीक्षा के लिए ददाहू स्कूल को केंद्र बिंदु चुन रखा है।
क्षेत्र के निजी स्कूलों के बच्चे भी वार्षिक परीक्षा देने ददाहू पहुंचते हैं। ऐसे में इस वर्ष ददाहू केंद्र में परीक्षार्थियों की संख्या 1500 के करीब पहुंच जाएगी। यह परीक्षा भवन की क्षमता से कहीं अधिक है। नियमों के मुताबिक खुले मैदान में परीक्षाओं का संचालन नहीं किया जा सकता। ऐसे में परीक्षाओं के संचालन को लेकर स्कूल प्रबंधकों के हाथ-पांव फूल रहे हैं।
उधर, ददाहू स्कूल के प्रधानाचार्य बलबीर सिंह जम्वाल ने इस साल परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि परीक्षाओं के संचालन को आसपास के स्कूलों के हाल व कमरे उपलब्ध कराने के लिए विभाग को लिखा गया है। ददाहू स्कूल में इतने परीक्षार्थियों की व्यवस्था एक साथ नहीं की जा सकती। यहां पहले की भवनों की भारी कमी है।