केरोसिन के कोटे में 50 फीसदी कटौती

बिलासपुर। जिला बिलासपुर के तकरीबन 70 हजार परिवार इन दिनों केरोसिन के संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे परिवार जिनके पास रसोई गैस नहीं है उन्हें भोजन पकाना मुश्किल हो गया है। केरोसिन के अभाव में स्टोब बंद हो गए हैं। इससे भोजन पकाने को चूल्हों का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे पर्यावरण संतुलन भी प्रभावित हो रहा है।
जिला के करीब 70 हजार परिवारों को मिलने वाले केरोसिन के कोटे में सरकार ने 50 फीसदी की कटौती कर दी है। बिलासपुर जिला में 30 हजार ऐसे राशनकार्ड धारक हैं जिनके पास महज एक रसोई गैस सिलेंडर है जबकि 40 हजार उपभोक्ताओं के पास रसोई गैस के कनेक्शन ही नहीं है। केरोसिन के सहारे की इनका चूल्हा जलता है। केरोसिन की सप्लाई घटने से अब इन परिवारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नियमानुसार एक सिलेंडर धारक परिवार को तीन लीटर केरोसिन प्रतिमाह का कोटा निर्धारित किया है। जबकि जिनके पास कनेक्शन नहीं है उन्हें नियमानुसार हर महीने दस लीटर केरोसिन मिलना चाहिए। इन दिनों आलम यह है कि कइयों एक-एक लीटर तेल दिया जा रहा है। जो पहले आए उन्हें तो केरोसिन मिल रहा है लेकिन बाद में पहुंचने वालों को स्टाक खत्म होने के कारण मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार जिला में इन दिनों 1.21 लाख लीटर करोसिन पहुंच रहा है। जरूरत 2.32 लाख लीटर की है। इधर, नीरत, दीपक, देवेंद्र, रोहित, उर्मिला ने कहा कि कभी एक लीटर तेल दिया जाता है तो कभी डेढ़ लीटर। कई बार तो उन्हें खाली ही लौटना पड़ रहा है। इससे वह परेशान है। मजबूर उन्हें चूल्हे जलाने पड़ रहे हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के जिला नियंत्रक शिव राम ने कहा कि पीछे से सप्लाई कम आ रही है। इस बारे आला अधिकारियोें को पत्राचार किया है।

Related posts