
रानीखेत। विधायक और नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने कहा है कि केंद्र की कांग्रेस सरकार का उत्तराखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। पूर्व में औद्योगिक पैकेज बंद कर दिया गया और अब केंद्र सरकार ने डिजिटल मैप का हवाला देकर पूर्व में स्वीकृत कई सड़कों के प्रस्ताव वापस कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की इस मनमानी को सहन नहीं किया जाएगा। इसके लिए हर संभव संघर्ष होगा।
यहां जारी विज्ञप्ति में श्री भट्ट ने आरोप लगाया है कि पूर्व से ही कांग्रेस सरकार उत्तराखंड की विकास विरोधी रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अब पूर्व में स्वीकृत सड़कों के प्रस्ताव वापस कर दिए हैं। इसके लिए 90 दिन के भीतर डिजिटल मैप मांगा गया है। तय सीमा के अंदर मैप नहीं पहुंचा तो प्रस्ताव फिर से बनाने होंगे। केंद्र के यह नियम काफी कठोर हैं। रानीखेत विधानसभा क्षेत्र की भी कई सड़कों का प्रस्ताव वन अधिनियम के तहत रुका पड़ा है। ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों का विकास कैसे होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और नोडल अधिकारी से वार्ता कर वन अधिनियम के तहत लटकी सड़कों के प्रस्ताव शीघ्र केंद्र को भेजने की मांग की गई है।
इसके अलावा डीएम अल्मोड़ा को भी गैर कृषक भूमि वाली सड़कों को भी स्वीकृति देने को कह दिया गया है। श्री भट्ट ने कहा कि लोनिवि और एडीबी से रानीखेत विस क्षेत्र के कच्चे मोटर मार्गों के प्रस्ताव भी भेजने को कहा गया है। भतरौंजखान-भिकियासैंण मोटर मार्ग की हालत खराब है। इसके लिए बीएमएसडीपीसी के तहत डामरीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। यथाशीघ्र काम शुरू हो जाएगा। क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।