
मंडी। हिमाचल प्रदेश में जंगली जानवरों से त्रस्त किसानों की समस्याओं और दुग्ध उत्पादक किसानों की मांगों को लेकर हिमाचल किसान सभा की राज्य कमेटी की ओर से 9 फरवरी को मंडी के विश्वकर्मा हाल में राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा। हिमाचल किसान सभा के मंडी जिला सचिव कुशाल भारद्वाज ने कहा कि अधिवेशन की मेजबानी मंडी जिला कमेटी करेगी और इसमें प्रदेश भर से जंगली जानवरों के प्रकोप से प्रभावित किसान एवं दुग्ध उत्पादक हिस्सा लेंगे। अधिवेशन में अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय नेताओं के अलावा हिमाचल किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर, सचिव डा. ओंकार शाद, उपाध्यक्ष टिकेंद्र सिंह पंवर एवं अन्य पदाधिकारी भी किसानों को संबोधित करेंगे। इसके अलावा कुछ विशेषज्ञ भी इस अधिवेशन में पहुंचेंगे। अधिवेशन में जंगली जानवरों की समस्या से निजात दिलाने और दुग्ध उत्पादक किसानों को दूध के उचित दाम देने बारे प्रस्तावों पर गहन विचार-विमर्श कर प्रदेश एवं केंद्र सरकार के लिए मांग पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। किसानों के इन मुद्दों को हल करने को लेकर आगामी समय में संघर्ष को तेज करने की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि आज दिन तक प्रदेश और केंद्र की सरकारों ने हिमाचल प्रदेश के किसानों को जंगली जानवरों के प्रकोप से बचाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की है। उन्होंने कहा कि जब-जब प्रदेश में किसान समस्या के समाधान के लिए आंदोलन चलाते हैं तो विधान सभा में इस मुद्दे पर चर्चा जरूर होती है और वहां कांग्रेस और भाजपा के विधायक एक-दूसरी पार्टी पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के सिवाय कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेते हैं। कुशाल भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल किसान सभा की मांग है कि बंदरों के निर्यात पर लगा प्रतिबंध तुरंत हटाया जाए और बंदरों तथा अन्य उत्पाती जंगली जानवरों की साइंटिफिक कलिंग की जाए और जंगली जानवरों से किसानों की खेती के नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस राज्य स्तरीय अधिवेशन के बाद हिमाचल किसान सभा का प्रतितिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें इस बारे में ज्ञापन प्रस्तुत करेगा।