झंडूता (बिलासपुर)। समय: सुबह 10:15। स्थान रेफरल यूनिट घोषित झंडूता अस्पताल। दिन मंगलवार। ओपीडी के बाहर मरीजों की लगी लंबी लाइन। एकमात्र चिकित्सक मरीजों का चैकअप कर रहे हैं। वहीं दूसरे केबिन में ताला लगा है। पता करने पर जानकारी मिली कि तीन चिकित्सकों में से एक चिकित्सक ट्रेनिंग पर है तो एक छुट्टी पर। स्वास्थ्य जांच के लिए लगी लाइन में खड़ी रोहिणी ने बताया कि वह करीब एक घंटे से लाइन में खड़ी है। अभी तक नंबर नहीं लगा।
वहीं मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि एक बिस्तर पर दो-दो मरीज दाखिल करने पड़ रहे हैं। इससे बीमारी ठीक होने की बजाय संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। झंडूता अस्पताल को रेफरल यूनिट का दर्जा दिया गया है, लेकिन सुविधाएं यहां एक डिस्पेंसरी जैसी भी नहीं।
‘अमर उजाला’ ने अस्पताल को मुआयना किया तो जो व्यवस्था दिखी वह काफी अस्त-व्यस्त थी। समय 10:40। स्थान अस्पताल का वार्ड। एक तरफ कुछ तीमारदार मरीज का हालचाल पूछ रहे हैं। बेड पर दो मरीज लेटे हैं। पूछने पर पता चला कि मरीज ज्यादा होने के कारण एक ही बेड पर दो-दो मरीजों को दाखिल करना पड़ रहा है। अस्पताल में दाखिल मरीज बीना देवी, बाजो देवी, उषा देवी, मीना देवी, निखिल, नीलम, सत्य देवी, प्रियंका, रीमा, किरण और लता के अनुसार अस्पताल में बेड कम हैं। इस वजह से एक ही बेड पर दो मरीज दाखिल किए गए हैं। वहीं अस्पताल में पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं है। अल्ट्रासाउंड के लिए लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है। शाम तक अस्पताल में करीब 37 मरीजों का उपचार हुआ।
वहीं इस संबंध में झंडूता अस्पताल के प्रभारी डा. संदीप कुमार के अनुसार अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है। यहां दो चिकित्सक तैनात हैं। जिन्हें दिन-रात अपनी सेवाएं देनी पड़ रही हैं। सफाई व्यवस्था के लिए रोगी कल्याण समिति से कर्मचारी रखे गए हैं। अस्पताल में जो बेड स्वीकृत है। उतनी व्यवस्था है। मरीज अधिक हो जाएं तो उन्हें दाखिल करना पड़ता है।