
जम्मू-कश्मीर पुलिस एजेंसियों की ओर से जनता को संभावित परमाणु युद्ध के लिए तैयार रहने की हिदायत अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खी बन गई है। इतना ही नहीं, पाक कब्जे वाले कश्मीर के प्रधानमंत्री ने तो बाकायदा इस खबर के आधार पर भारत को धमकी भी दे डाली है। इधर, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने परमाणु या रासायनिक हमले से बचाव के लिए बंकर बनाने की सलाह को बकवास बताया है।
दरअसल, पिछले रविवार को सूबे की पुलिस की स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स विंग की ओर से राज्य के तमाम अखबारों में प्रकाशित कराए गए विज्ञापन में लोगों को बताया गया था कि परमाणु, जैविक और रासायनिक हमलों की दशा में बचाव कैसे किया जाए। इसमें एक सलाह हमले की आशंका होने पर घरों में बंकर बनाने और रसद इकट्ठा करने की भी थी।
बढ़ा-चढ़ा कर दी खबर
इस विज्ञापन से सिर्फ परमाणु शब्द को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करते हुए सूबे के कुछ अखबारों ने लंबी-चौड़ी खबर भी दे दी। फिर क्या था विदेशी अखबारों ने इन खबरों को लपक लिया और उसे कश्मीर में भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु हमले के खतरे से जोड़ दिया।
ब्रिटेन के अखबार द इंडिपेंडेंट समेत अमेरिकी और पाकिस्तानी मीडिया में इस बारे में आई खबर के बाद सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी यह मसला ट्रेंड करने लगा। इन खबरों और टिप्पणियों में कहा गया कि भारतीय सुरक्षाबलों ने कश्मीरियों को संभावित परमाणु युद्ध झेलने की चेतावनी दी है और कहा है कि वे महीनों के लिए खाने-पीने के सामान का इंतजाम कर लें। विदेशी मीडिया में किसी ने इसे सुरक्षाबलों की चेतावनी के तौर पर लिया है तो कोई इसे सलाह मान रहा है।
मजे की बात यह कि पाक कब्जे वाले कश्मीर के प्रधानमंत्री चौधरी अब्दुल मजीद ने बुधवार को एक बयान जारी करके परमाणु हमले से बचाव के तरीके बताए जाने को भारत की ओर से दबाव डालने की एक चाल बताते हुए नई दिल्ली को चेता दिया।
बकवास
अब्दुल मजीद की प्रतिक्रिया तो समझ में भी आती है लेकिन जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी एसडीआरएफ की हिदायतें खास रास नहीं आईं। उमर ने ट्विटर पर टिप्पणी की कि भारतीय कश्मीरियों को परमाणु हमले के लिए तैयार रहने, बंकर बनाने और खाद्यान्न इकट्ठा करने की सलाह देना बकवास बात है।
विज्ञापन रूटीन कवायद
दूसरी तरफ, राज्य पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, अखबारों में प्रकाशित यह विज्ञापन रूटीन कवायद है। यह सिर्फ हिदायत है, ताकि लोग संभावित मुश्किलों को झेलने के लिए तैयार रहें। इसका अर्थ यह नहीं है कि सचमुच में परमाणु युद्ध होने ही वाला है।
एलओसी पर तनाव से बल मिला
दरअसल यह विज्ञापन उस समय आया है जब एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से बार-बार सीजफायर उल्लंघन और भारतीय सैनिकों की हत्या कर उनके सिर काट लेने की घटना के बाद से भारी तनाव व्याप्त है। चूंकि दोनों देश परमाणु हथियारों से लैस हैं, इसलिए स्वाभाविक रूप से विदेशी मीडिया ने इस रूटीन कवायद को तिल का ताड़ बना दिया।