
मंडी। सीटू के बैनर तले आईआईटी कमांद में कार्यरत मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर दोपहर भोजनावकाश के दौरान धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान हिमाचल प्रदेश भवन निर्माण एवं सड़क निर्माण यूनियन संबंधित सीटू के करीब दो सौ से अधिक मजदूरों ने न्यूनतम वेतन की मांग को लेकर नारेबाजी की। वहीं कंपनी और सीपीडब्ल्यूडी विभाग को 14 दिन नोटिस दिया है। इसमें कहा गया है कि श्रम कानूनों के अनुरूप न्यूनतम वेतन देने के अलावा मजदूरों की मांगों पर गौर नहीं किया तो 14 दिन बाद मजदूर संघर्ष का रास्ता अख्तियार करेंगे। सीटू के जिला कमेटी सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सीटू के जिला उपाध्यक्ष रविकांत, मजदूर यूनियन के प्रधान लाल सिंह, भीम चंद व राधा देवी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल सीपीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता से मिला। मजदूरों ने अपनी मांगों में 186 रुपये न्यूनतम दैनिक वेतन देने के अलावा साप्ताहिक अवकाश दिए जाने की भी मांग की है। वहीं मजदूरों को सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाने और भविष्य निधि फंड प्रारंभ करने की भी मांग की है। मजदूरों को रहने की व्यवस्था, पीने का पानी मुहैया करवाने, स्वास्थ्य सुविधा के लिए डिस्पेंसरी खुलवाने और बिना कारण निकाले गए मजदूरों को बहाल करने की भी मांग की गई है। वहीं कार्य स्थल पर घायल हुई महिला तेजी देवी के इलाज का सारा खर्च वहन करने और जब तक वह ठीक नहीं होती है, उसे आधी मजदूरी देने की भी मांग की गई है। इसके लिए 14 दिन का समय दिया गया है। अगर इस बारे में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई तो मजबूरन मजदूरों को संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इधर, सीपीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता मनोहर लाल वर्मा ने कहा कि मजदूरों का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था। उनकी मांगों की प्रतिलिपि कांट्रेक्टर को भेजी जा रही है। उनकी जायज मांगों को लागू करने के बारे में भी कहा जा रहा है।