
वाशिंगटन: अमेरिका में कुछ कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया है कि ओसामा बिन लादेन के खिलाफ पाकिस्तान के ऐबटाबाद में चलाए गए अभियान को लेकर सीआईए ने उन फिल्मकारों को गुमराह किया है जिन्होंने इस अभियान पर ‘जीरो डार्क थर्टी’ नामक फिल्म बनाई है। इन कांग्रेस सदस्यों के अनुसार सीआईए की ओर से फिल्मकारों को बताया गया है कि पूछताछ के सख्त तरीकों से दुनिया के सबसे खूंखार दहशतगर्द तक पहुंचने में मदद मिली।
फिल्म में दिखाया गया है कि वाटरबोर्डिंग और पूछताछ के अन्य कई सख्त तरीकों से ओसामा के पाकिस्तान में रहने की जानकारी मिली और बाद में नेवी सील्स ने उसे मार गिराया। सीनेट की ओर से की गई तीन वर्षों की जांच में पता चला है कि पूछताछ के इन सख्त तरीकों से कोई उपयोगी खुफिया कामयाबी नहीं मिली है।
उधर, हाल ही में सीआईए निदेशक माइकल मारेल ने कहा था कि इस तरह के तरीकों से कुछ सुराग मिले जिनके मदद से ओसामा तक पहुंचा जा सका। इस सप्ताह सीनेटर डायने फेनस्टेन, जॉन मैक्केन और कुछ अन्य ने सीआईए को पत्र लिखकर कहा कि मारेल अपना बयान वापस लें।