देहरादून। उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मियों की मांगों को लेकर ऊर्जा निगम, जल विद्युत निगम और पिटकुल प्रबंधन गंभीर नहीं हैं। सोमवार को उत्तराखंड विद्युत संविदा संगठन से वार्ता के बाद सचिवालय में अपर सचिव ऊर्जा ने निगम प्रबंधकों से मार्च में हुए समझौते के बारे में जानना चाहा तो किसी ने जवाब नहीं दिया। इस पर अपर सचिव ने सख्त नाराजगी जताई। साथ ही तीनों निगमों के ढांचे को संशोधित करने, परिषदीय सेवा नियमावली में संशोधन करने का प्रस्ताव तत्काल शासन को भेजने के लिए कहा। इसके अलावा 24 मई 2005 के शासनादेशानुसार के अनुसार महंगाई भत्ते को लेकर कदम उठाने के लिए निर्देश दिया।
इस दौरान अवगत कराया गया कि संविदा कर्मियों की आकस्मिक मौत पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। कोटद्वार में निकाले गए पांच संविदा कर्मियों की जल्द ही बहाली कर दी जाएगी। दूसरी ओर से उत्तराखंड विद्युत संविदा संगठन ने 15 जून तक समझौते पर अमल न होने पर आंदोलन की चेतावन दी है। संगठन की ओर से योगेंद्र विशाल, विनोद कवि, मनोज पंत, हीरा सिंह बिष्ट सहित अन्य मौजूद रहे।
ये है मांगे
>> उपनल के माध्यम से ऊर्जा के तीनों निगमों में कार्यरत विद्युत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए
>> नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक उपनल से हटाते हुए सीधे विभाग में समायोजित किया जाए