धर्मशाला। बैजनाथ में हुए बहुचर्चित आल्टो कांड में ग्राम पंचायत बैजनाथ के प्रधान की संलिप्तता पर फैसला अब उपायुक्त ही लेंगे। प्रधान की ओर से दिए जवाब को पंचायतीराज विभाग ने उपायुक्त कार्यालय भेज दिया है। पंचायतीराज विभाग ने प्रधान को इस संबंध में नोटिस भेजा था। प्रधान की ओर से भेजे गए जवाब की जांच अब स्वयं उपायुक्त कांगड़ा करेंगे। सूत्रों का कहना है कि जवाब संतोषजनक न होने पर प्रधान पर निलंबन जैसी कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है। अभी तक पंचायतीराज विभाग प्रधान की ओर से जवाब आने का इंतजार किया जा रहा था। अब प्रधान पर लगे आरोपों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिला पंचायत अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस स्टेशन बैजनाथ में प्रधान की आल्टो कांड में संलिप्तता का मामला दर्ज करवाया गया था। इसके बाद कोर्ट में भी चार्ज फ्रेम हुए थे और मामला पंचायतीराज विभाग को भेजा था। इस पर विभाग ने प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। वहीं, पुलिस स्टेशन बैजनाथ में भी प्रधान पर आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज है। अब प्रधान पर लगे आरोप तय होने पर पंचायत प्रधान को सस्पेंड किया जा सकता है। प्रधान पर आल्टो खरीदने में कंपनी कर्मियों से मिलकर लाखों का घोटाला करने के आरोप हैं।
क्या है मामला
वर्ष 2009 में मंडी स्थित एक कार विक्रेता कंपनी के कुछ कर्मचारियों ने बैजनाथ के कुछ लोगों से मिलीभगत कर आधी से कम कीमत पर आल्टो कार बेचने का शिगूफा छोड़ा। इस पर लोगों ने एक स्थानीय बैंक की शाखा से कार कंपनी के नाम ड्राफ्ट भी बनवा लिए, लेकिन बैंक कर्मियों की कथित मिलीभगत से संबंधित ड्राफ्टों को क्लब कर दिया गया। कंपनी ने करीब 60 लोगों को तो कार डिलीवर कर दी, लेकिन लगभग 150 लोगों को राशि अदा करने के बावजूद कार नहीं मिली। बैजनाथ निवासी रमेश कश्मीरी ने इस बावत बैजनाथ पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई। जिसमें 18 लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई, जबकि बैंक प्रबंधन ने अपने स्तर पर कार्रवाई कर जिम्मेदार कर्मियों को निलंबित कर दिया। कोर्ट में चालान पेश होने पर इस मामले की जांच फाइल अब फिर से खुल गई है।