आरटीओ दफ्तर के ‘चक्कर पर चक्कर’

बिलासपुर। जनपद बिलासपुर के वाहन चालकों और मालिकों की परेशानियां दूर होने का नाम नहीं ले रही है। आरटीओ की स्थाई नियुक्ति नहीं होने से हजारों वाहन मालिकों और चालकों को आरटीओ दफ्तर के चक्कर पर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। लेकिन, फिर भी काम पूरे नहीं हो रहे।
अपना कार्य करवाने के लिए आने वाले लोगों को निराश होकर खाली हाथ वापस लौटना पड़ रहा है। ट्रक आपरेटर भी परेशान हैं। बीडीटीएस बरमाणा के ट्रक आपरेटर नीलम चंदेल, प्रेम चौधरी, चुनी लाल, रणजीत, राजीव ठाकुर, नंद लाल, रामपाल, चुनी लाल ठाकुर, भगत सिंह चौधरी तथा बलवंत चंदेल ने बताया कि प्रदेश में सबसे अधिक वाहन बिलासपुर जिले में है। सरकार को वाहनों से सबसे अधिक राजस्व भी इसी जिले से प्राप्त होता है। महीनों से आरटीओ का पद खाली है। इस पर सरकार और विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा। आरटीओ कार्यालय में विभाग द्वारा अस्थाई तौर पर ऊना जिले के आरटीओ की नियुक्ति की है। वह सप्ताह में महज एक दिन सेवाएं दे रहे हैं। इससे ट्रांसपोर्टरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नीलम ने कहा कि बैंक के कर्ज तले दबे ट्रक आपरेटरों को अपने वाहनों का पंजीकरण व अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने में लंबे समय की प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। बैंक से लिए ऋण के ब्याज में बढ़ोतरी इसी वजह से हो रही है। यह बड़े शर्म की बात है कि बीडीटीएस समस्या का हल ढूंढने की बजाए सत्ता सुख भोगने में मस्त है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि बिलासपुर स्थित आरटीओ कार्यालय में अधिकारी की स्थाई नियुक्ति की जाए।

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