
शिमला। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बन रहे हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड शोपीस बन कर रह गए हैं। इसका फायदा मरीजों को नहीं मिल रहा है। अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल तो हो गए हैं, लेकिन आपरेशन और दवा के लिए पैसा नहीं है। यह सोच कर इलाज के लिए अस्पताल आए थे कि हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड को दिखाकर उपचार निशुल्क हो जाएगा। एक अक्तूबर से नए कार्ड शुरू होने थे, लेकिन अब यह मियाद एक जनवरी तक बढ़ा दी गई है। मरीज पसोपेश में हैं और अस्पताल प्रबंधन लाचार। 31 दिसंबर तक केवल पुराने हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड ही मान्य होंगे। हेल्थ कार्ड न चलने के कारण आईजीएमसी में करीब 30 आपरेशन लटके हुए हैं।
11 साल की सुहानी रामपुर की गौरा गांव की रहने वाली हैं। दिवाली की रात को अनार जलाते समय वह घायल हो गई। इस कारण सुहानी का चेहरा झुलस गया। वह मौजूदा समय में आईजीएमसी में उपचाराधीन हैं। नया इंश्योरेंस हेल्थ कार्ड बना है, लेकिन यह चल नहीं रहा। इसी तरह आर्थो के मरीज सुमित कुमार का आपरेशन होना है। कार्ड न चलने की वजह से आपरेशन अटक गया है। बिलासपुर के रूपलाल हृदय की बीमारी से पीड़ित है। डाक्टर ने आपरेशन के लिए कहा है। प्रियतम चंद चंबा से उपचार के लिए आए हैं। इनकी ओपन हार्ट सर्जरी होनी है। वह यहां इस उम्मीद से आए थे कि 1 नवंबर से नए हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड शुरू हो जाएंगे, लेकिन यहां आकर पता चला कि अब ये एक जनवरी से शुरू होंगे। इस तरह के कई मामले आईजीएमसी में रोजाना देखने को मिल रहे हैं जो हाथ में हेल्थ कार्ड लेकर घूम रहे हैं। एक्टिवेट न होने की वजह से उपचार से मरीज महरूम हैं।
…तो भगवान की ही मालिक
हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड में इंडोर पेेशेंट को 30 हजार से 1.75 लाख का उपचार निशुल्क है। आउट डोर पेशेंट को यह सुविधा नहीं मिलती है। कार्ड धारकों को इस योजना से काफी लाभ मिला है। पैसों के अभाव में जिन्हें उपचार नहीं मिल पाता था, वे दम तोड़ देते थे, लेकिन कार्ड बनने के बाद सुविधा मिली। लेकिन, नए कार्ड धारकों को इलाज के लिए एक जनवरी तक इंतजार करना होगा। अगर इस बीच मरीज को कुछ हो गया तो भगवान की ही मालिक।
मौजूदा समय में प्रदेश में पुराने हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड की संख्या 2 लाख 90 हजार हैं जो नए कार्ड बने हैं, इनकी संख्या करीब साढ़े पांच लाख है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्यक्रम अधिकारी आरपी शर्मा ने कहा कि 1 जनवरी से ही नए हेल्थ कार्ड एक्टिवेट होंगे।