
शिमला : ड्राइविंग लाइसैंस अब बीते दिनों की बात हो जाएगी। इसके बदले स्मार्ट कार्ड ही काम करेगा। यदि किसी ने यातायात नियमों का उल्लंघन किया तो स्मार्ट कार्ड में लगी चिप उसके कारनामे का पर्दाफाश कर देगी। ऐसे में न केवल दुर्घटनाएं घटेंगी अपितु नियमों का भी पालन हो सकेगा। परिवहन विभाग ने बायोमैट्रिक आधारित स्मार्ट कार्ड रजिस्ट्रेशन एवं ड्राइविंग लाइसैंस नामक स्कीम को लागू करने का फैसला लिया है।
इसे पहले सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। इस स्कीम के तहत प्रदेश में पंजीकृत करीब 7.50 लाख सभी निजी, कमर्शियल और सरकारी वाहनों को उक्त स्मार्ट कार्ड आबंटित करने की योजना है। इसके लिए वाहन मालिक को अतिरिक्त पैसे भी चुकाने होंगे जिसका निर्धारण सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही किया जाएगा। विभाग का कहना है कि स्मार्ट कार्ड से यातायात नियमों की अनुपालना सुनिश्चित होगी। कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे फर्जी ड्राइविंग लाइसैंस पर रोक लगाई जा सकेगी क्योंकि स्मार्ट कार्ड ही ड्राइविंग लाइसैंस के रूप में कार्य करेगा और इस पर चालक का नाम भी अंकित होगा।
क्या है स्मार्ट कार्ड स्कीम
स्मार्ट कार्ड एक ड्राइविंग लाइसैंस के रूप में काम करेगा। स्मार्ट कार्ड के रूप में दिए जाने वाले इस ड्राइविंग लाइसैंस में लाइसैंस धारक का बायोमीट्रिक रिकार्ड मौजूद होगा। स्मार्ट कार्ड में एक चिप भी लगी होगी जिसमें परिवहन विभाग लाइसैंस धारक द्वारा पूर्व में किए गए यातायात नियम उल्लंघन का रिकार्ड रख सकेगा जिससे संबंधित अधिकारी को पता चल सकेगा कि लाइसैंस धारक ने कितनी बार यातायात नियमों का उल्लंघन किया है। परिवहन विभाग के अनुसार स्मार्ट कार्ड का वितरण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। वाहनों की आरसी नवीनीकरण प्रक्रिया के दौरान ही संबंधित वाहन मालिक को इसका वितरण किया जाएगा।
टै्रफिक रूल्ज की सख्ती से अनुपालना के लिए स्मार्ट कार्ड स्कीम लागू करने की योजना है। इसके लिए प्रस्ताव प्रदेश सरकार की स्वीकृति को भेजा गया है। अप्रूवल मिलने के बाद इस पर काम शुरू होगा।
केसी चमन, सचिव ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी