अब मास्टर जी करेंगे डाक्टरी

बिलासपुर। सरकारी स्कूलों के मास्टर जी अब स्कूलों में डाक्टरी का जिम्मा भी संभालेंगे। टीचरों पर अब एनीमिक बच्चों को डिटेक्ट करने की भी जिम्मेदारी होगी। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए बाकायदा टीचरों को फोलिक एसिड योजना के तहत ट्रेनिंग दी जाएगी। आठ जनवरी से यह ट्रेनिंग खंड स्तर पर शुरू हो रही है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शिक्षकों को एनीमिक बच्चों को डिटेक्ट करने के तरीके बताएंगे।
आयरन फोलिक एसिड योजना के अंतर्गत सरकारी स्कूलों के बच्चों को हर सप्ताह आयरन फोलिक एसिड दवाई बांटी जाएगी। यह दवाई बांटने के लिए हर स्कूल में नोडल अधिकारी की नियुक्ति होगी। यह नोडल अधिकारी हर क्लास में बच्चों को दवाई देंगे। साथ ही स्कूलों कार्यरत टीचरों को भी दवाई दी जाएगी। बच्चे, टीचर एक साथ दवाई खाएंगे। कहीं पर यदि किसी बच्चे को ज्यादा दिक्कत आती है तो उस बच्चे को डिटेक्ट करने की जिम्मेदारी भी टीचर की ही होगी। बिलासपुर जिला में योजना के तहत 252 सरकारी स्कूल होंगे। इन स्कूलों में 252 नोडल आफिसर नियुक्त किए गए हैं। इनमें अधिकतर विज्ञान के टीचर की नियुक्ति की गई है।
उच्च शिक्षा उप निदेशक वीर सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि अध्यापकों के लिए विशेष ट्रेनिंग आठ जनवरी को शुरू होगी। उन्होंने कहा कि फोलिक एसिड योजना के तहत यह ट्रेनिंग दी जाएगी।

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