अब कुल्लू में लगेगा कैलीर्फोनिया पल्म

खराहल (कुल्लू)। कुल्लू में जल्द ही कैलीर्फोनिया पल्म भी बागिचों की शोभा बन जाएगा। वैज्ञानिकों का कई सालों से कैलीर्फोनिया की प्रुन किस्म पर चल रहा अनुसंधान सफल रहा है। अनुसंधान के सफल होने के बाद अब बागवानी क्षेत्र में प्रुन नामक फल ने दस्तक दे दी है। फिलहाल इसकी पैदावार घाटी के कुछ चुनिंदा बागवान ही कर रहे हैं। इसे 1500 से 6000 फीट ऊंचाई वाले इलाकों में लगाया जा सकता है। यहां बागवानों को इसके परिणाम अच्छे मिलने के बाद इसे बागवानी के क्षेत्र में नए आयाम के रूप में देखा जा रहा है। प्रुन नामक पल्म की खासियत है कि इसे ड्राई करके भी खाया और बेचा जा सकता है। प्रुन पलम लंबोतरी आकार का है और इसे करीब एक माह तक खुले में रखा जा सकता है। यह किस्म अगस्त माह के पहले हफ्तों में तैयार होती है। कलम करने के बाद दूसरे साल ही इसमें फल लगने शुरू हो जाते हैं। इसके पेड़ की ग्रोथ आम पल्म के पौधों से दोगुणा अधिक है। प्रुन पलम का रंग जामुनी होता है और इसका स्वाद भी बेहतर होने से मार्केट में इसके दाम भी अच्छे मिलते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि जिला कुल्लू में कुछ चुनिंदा बागवानों ने इस प्रजाति के पल्म को रोप कर इसकी पैदावार शुरू कर रखी है। क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र बजौरा के सह निदेशक डा. जयंत कुमार ने बताया कि प्रुन औषधीय फल है। विदेशाें में इस फल को ड्राई करके खाया जाता है। फल में मानव शरीर विकास और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कई तत्व विद्यामान है। इस फल में प्रोटीन भी भारी मात्रा में पाई जाती है।

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