
नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा दया याचिका ठुकरा देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी आठ दोषियों की फांसी पर चार हफ्ते तक के लिए रोक लगा दी है। पीपल यूनियन डेमोक्रेटिक राइट्स की तरफ से इन आठ दोषियों के लिए दया याचिका दर्ज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अफजल गुरु केस में हुई गलती दोबार दोहराई नहीं जानी चाहिए।
इस मामले में दलील पेश करते हुए जस्टिस सदाशिवम के घर पर सुनवाई के दौरान सीनियर वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली उस बेंच का उदाहरण दिया जिसने चंदन तस्कर वीरप्पन के 4 सहयोगियों की फांसी पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कोर्ट ने इन आठ लोगों की फांसी पर चार हफ्ते के लिए रोक लगाने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सदाशिवम और जस्टिस इकबाल की बेंच ने कहा कि हम यह नहीं चाहते कि अफजल केस की गलती फिर से की जाए। सुनवाई के दौरान इस याचिका पर विचार किया गया कि इनके परिवार वालों को इसके बारे में जानकारी दी गई है या नहीं। बेंच ने कहा कि अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के वक्त जो गलती की गई, उसे दोहराया नहीं जाए।
गौरतलब है कि अफजल को फांसी दिए जाने के एक दिन बाद उसके परिजनों तक इसकी जानकारी पहुंच पाई थी। इस मामले में 9 मुजरिम सात अलग-अलग मामलों में दोषी पाए गए थे। इनमें से एक धर्मपाल नाम का शख्स हरियाणा में रेप और हत्या का दोषी है। राष्ट्रपति ने सात अलग-अलग मामलों में से पांच केस में 7 लोगों की फांसी की सजा बरकरार रखी, जबकि दो मामलों में फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया।