इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि चीन ने चप्पे-चप्पे पर जांच का इंतजाम किया और लॉकडाउन तोड़ने वालों को कड़ा दंड दिया। इसमें चीनी सेना ने भी भरपूर मदद की। जानकारों का मानना है कि इस दक्षता और तेज तैयारियों के पीछे वहां की दलीय व्यवस्था का भी बड़ा हाथ है।
चीन मामलों के जानकार और कुछ महामारीविद चीन के प्रयासों से सीखने की पैरवी भी कर रहे हैं। किसी महामारी को रोकने के लिए शुरुआती उपाय सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। इसके तहत देश में एक चेतावनी तंत्र बनाना काफी जरूरी होता है, जो चीन ने तैयार किया था।
दुनिया के सामने दो विकल्प
कुन का कहना है कि कोरोना के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराना समाधान नहीं है। दो ही विकल्प हैं – या तो देश एकजुट होकर इस वायरस से लड़कर जीतें या आपस में लड़कर कोरोना से हारें। इस समय कोरोना जलवायु परिवर्तन से भी बड़ी समस्या के रूप में सामने है और दुनिया को पहले विकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए।