धर्मशाला। शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष बीआर राही ने कहा कि भाजपा ने उनके खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर कई मामले बनाए। बोर्ड के अधिकारियों व प्रिंटर्स तक पर दबाव बनाया गया। इतना ही नहीं, किताबों की भूमिका पर उनका नाम मिटाने को भाजपा सरकार ने जो चौदह लाख रुपए खर्चे, उसकी रिकवरी तक उन पर डाली गई। यहां जारी बयान में राही ने कहा कि उनके बेटे के संस्थान तक को बंद करवा दिया गया। लेकिन अब वह खुश हैं कि वीरभद्र सिंह ने प्रदेश की फिर से बागडोर संभाली है। राही ने कहा कि कांग्र्रेस कार्यकाल में उनकी परेशानियां दूर होंगी। वीरभद्र सिंह के समर्थक बीआर राही उसी समय भाजपा के निशाने पर आ गए थे, जब वे बोर्ड के अध्यक्ष थे। उस दौरान उनके खिलाफ दो बार विशेषाधिकार हनन के अलावा कांग्रेस सरकार के खिलाफ दो बार जारी की गई चार्जशीट में भी शामिल किया गया।
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