
बिलासपुर। शराब पीकर गाड़ी चलाना जिंदगी के लिए ही खतरा नहीं बल्कि कानूनन अपराध भी है। ऐसा कर चालक न केवल अपनी बल्कि औरों की जिंदगी भी दांव पर लगा रहे हैं। खैर, शराब के नशे में ‘टल्ली’ होकर वाहन चलाने वालों पर ‘खाकी’ ने शिकंजा कस दिया है। बिलासपुर पुलिस ने ऐसे ‘पियक्कड़’ चालकों पर कार्रवाई करते हुए पचास से ज्यादा चालान काटे हैं। एल्कोल सेंसर के जरिए जिलाभर के विभिन्न इलाकों में ऐसे ‘पियक्कड़’ चालकों की बाकायदा जांच की जा रही है। अल्कोहल के लक्षण पाए जाने पर सीधा चालन किया जा रहा है।
सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से बिलासपुर जिला अति संवेदनशील माना जाता है। आए दिन यहां सड़क हादसों में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। बढ़ते सड़क हादसों का एक बड़ा कारण शराब के नशे में ‘टल्ली’ होकर वाहन चलाना भी है। पैग चढ़ाकर वाहन चलाने वाले पुलिस की नजरों से बच नहीं सकेंगे। घागस, स्वारघाट, बिलासपुर बस स्टैंड समेत झंडूता और घुमारवीं के इलाकों में जगह-जगह पुलिस ने नाके लगाकर रखे हैं। एल्को सेंसर मशीन से शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों की पहचान की जा रही है। अल्कोहल के लक्षण पाए जाने पर सीधा चालान हो रहा है। करीब एक सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई में पचास से अधिक चालकों के चालान काटे गए हैं। पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई से वाहन चालकों में हड़कंप मच गया है।
एसपी अनुपम शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह महज एक अभियान नहीं है। अब नियमित एल्को सेंसर से चालकों की जांच की जाएगी। इसके लिए एनएच के अलावा विभिन्न संपर्क सड़कों पर भी नाके लगाए गए हैं। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि अपना सफर सुरक्षित और सुहाना बनाएं। शराब पीकर गाड़ी चलाना न केवल चालक के लिए घातक है, बल्कि ऐसा कर वह अपने साथ बैठे अन्य यात्रियों की जिंदगी भी जोखिम में डाल रहे हैं।