हाथरस सत्संग कांड : जानिए 121 लोगो की मौत का जिम्मेदार कौन किसको ठहरा रहा है, क्या सही दिशा में हो रही है जांच ?

हाथरस सत्संग कांड : जानिए 121 लोगो की मौत का जिम्मेदार कौन किसको ठहरा रहा है, क्या सही दिशा में हो रही है जांच ?

मंगलवार को हाथरस के सिंकदराराऊ क्षेत्र के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि महाराज उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में हुई 121 लोगों की मौत के लिए फिलहाल बाबा के सेवादार, निजी सुरक्षा कर्मी और आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया है। चाहे आयोजन की अनुमति देने वाले एसडीएम की रिपोर्ट हो या फिर सिंकदराराऊ थाने में दर्ज मुकदमा। इन दोनों ही रिपोर्ट में भगदड़ के लिए इन्हें ही जिम्मेदार माना जा रहा है।

वहीं, आयोजकों को इसके लिए दोषी माना गया है कि उन्होंने पूर्व के सत्संगों में जुटने वाली भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए केवल 80000 की भीड़ इकट्ठा होने की अनुमति मांगी थी। फिलहाल शासन स्तर से अफसरों को भी क्लीन चिट दे दी गई है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब प्रशासन को पता था कि अस्सी हजार की भीड़ जुटेगी तो उस तरह से इंतजाम क्यों नहीं हुए। इन सवालों का जवाब अभी तक कोई नहीं दे पाया है।

अभी किसी अफसर की भी जिम्मेदारी तय नहीं
इस पूरे मामले में अभी तक किसी अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं हुई है। आज मुख्यमंत्री के साथ हाथरस पहुंचे मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। भगदड़ में घायल लोगों से भी बात की। अफसरों से भी जानकारी ली लेकिन बाद में इन अफसरों ने जिम्मेदार केवल आयोजकों और बाबा के सेवादारों को ही ठहराया। इन दोनों अधिकारियों के रुख से हाथरस के अफसरों ने भी चैन की सांस ली। वहीं, अलीगढ़ की कमिश्नर चैत्रा वी ने बताया कि प्रकरण में जांच की जा रही है। कई बिंदुओं पर गहनता से परीक्षण किया जा रहा है। बुधवार की देर शाम तक शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। वहां से जो आदेश होगा, उसका पालन किया जाएगा।

बाबा का नाम मुकदमे में क्यों नहीं… अफसरों के सामने गूंजते रहे सवाल
सत्संग में भगदड़ मचने से हुई लोगों की मौत के मामले में दर्ज रिपोर्ट में बाबा का नाम क्यों नहीं है, यह सवाल भी मुख्यमंत्री और पुलिस अफसरों के सामने खूब गूंजे। पत्रकार अफसरों से बार-बार सवाल पूछते रहे कि क्या बाबा का नाम भी मुकदमे में शामिल किया जा रहा है। लेकिन इस पर किसी का कोई जवाब नहीं आया। बस अधिकारी बार-बार यही कहते रहे कि जांच की जाएगी, जिसकी भी जिम्मेदारी होगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन्होंने आयोजन की अनुमति ली थी, उनके खिलाफ मुकदमा होता है। उसके बाद दायरा बढ़ता है। अन्य जो भी लोग जिम्मेदार होंगे, वह जांच के दायरे में आएंगे। यहां अफसरों के सामने पत्रकारों ने यह भी कहा कि बाबा इतना बड़ी घटना होने के बाद भी नहीं आए। उन्हें रुककर लोगों की मदद करानी चाहिए थी। घायलों का हाल जानना चाहिए था।

कम से कम 600 से 700 पुलिस कर्मी लगाए जाने चाहिए थे : पूर्व डीजीपी
पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन का कहना है कि इतने बड़े आयोजन के लिए सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी होनी चाहिए थी। कम से कम 600 से 700 पुलिस कर्मी लगाए जाते। पीएसी की कंपनी होती। वहीं बाबा को अपनी एंबुलेंस और डाक्टर तैनात करने चाहिए थे। जिस तरह की घटना हुई है, उसके हिसाब से बाबा पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि बाबा इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी मौके से चले जाते हैं। उन्हें तो यहां रुककर लोगों की मदद करनी चाहिए थी।

एसडीएम की रिपोर्ट में सेवादारों, बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों का और आयोजकों का दोष
उपजिलाधिकारी सिकंदराराऊ ने ही फुलरई मुगलगढ़ी गांव में श्री नारायण साकार हरि महाराज उर्फ भोले बाबा के सत्संग को अनुमति दी थी। अब इस हादसे के बाद एसडीएम ने जिलाधिकारी आशीष कुमार को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें कहा है कि भोले बाबा दोपहर 12:30 बजे सत्संग पंडाल में पहुंचे थे। एक घंटा कार्यक्रम चला। इसके बाद लगभग 1:40 बजे भोले बाबा पंडाल से निकलकर हाईवे पर एटा की तरफ जाने के लिए आए। जिस रास्ते से भोले बाबा निकल रहे थे, उस तरफ सत्संगी महिलाएं और पुरुष उनके दर्शन व चरण स्पर्श और आशीर्वाद स्वरूप उनकी चरण रज लेकर अपने माथे पर लगाने लगे। डिवाइडर कूदकर उनके वाहन की तरफ दौड़ने लगे। बाबा के साथ उनके निजी सुरक्षा कर्मी (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों द्वारा बाबा के पास भीड़ न पहुंचने की स्थिति में भीड़ के साथ स्वयं ही धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया, जिससे कुछ लोग नीचे गिर गए। तब भी भीड़ नहीं मानी। अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। भीड़ कार्यक्रम स्थल के सामने खुले खेत की तरफ भागी और यहां फिसलकर लोग गिए गए। इसके बाद उठ नहीं सके। भीड़ उनके ऊपर से होकर इधर-भागने लगी।

आखिर इन सवालों के जवाब कौन देगा

  •  दो लाख की भीड़ जुटी लेकिन अफसरों ने सुरक्षा के बंदोबस्त क्यों नहीं किए
  • इतनी भीड़ के लिए केवल 69 पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी
  • केवल एक एंबुलेंस और एक दमकल मौके पर लगाई गई
  • मौके पर किसी डाक्टर की ड्यूटी तक नहीं लगाई गई
  • हाईवे किनारे आयोजन लेकिन केवल 4 ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की तैनाती
  • किसी पुलिस अफसर और मजिस्ट्रेट को क्यों नहीं लगाया गया
  • शासन से जानकारी पहुंची तो सतर्क हुआ स्थानीय प्रशासन
  • हाथरस के अधिकारी भी दो घंटे की देरी से मौके पर पहुंचे

इंस्पेक्टर ने आवेदन में बताई एक लाख की भीड़…एएसपी ने ड्यूटी लगाई 69 पुलिस कर्मियों की
सिकंदराराऊ थाने के प्रभारी निरीक्षक ने 29 जून को पुलिस कप्तान को पत्र लिखा था, जिसमें देवप्रकाश मधुकर, मुख्य सेवादार मानव मंगल मिलन सद्भावना समिति द्वारा थाना क्षेत्र के मुगलगढ़ी व फुलरई के पास हाईवे किनारे 2 जुलाई को साकार नारायण विश्व हरि भोले बाबा द्वारा सत्संग किया जाना प्रस्तावित बताया है। जिसमें आसपास के जनपदों तथा अन्य क्षेत्र से करीब एक लाख भक्तों के शरीक होने की संभावना है। निवेदन है कि कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराने हेतु पुलिस बल उपलब्ध कराने की कृपा करें।

इस पर अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा जो पुलिस की तैनाती की गई, अब वह भी जान लीजिए। उनके आदेश की कॉपी में जो फोर्स का उल्लेख है, उसमें एक एसएचओ, 4 इंस्पेक्टर, 6 एसआई, 2 महिला दरोगा, 30 हेड कांस्टेबल, 7 महिला कांस्टेबल और ट्रैफिक पुलिस के 4 लोग लगाए। डेढ़ सेक्शन पीएसी (15 लोग) की तैनाती की गई थी। अब यह सोचने की बात है कि जब थाना प्रभारी एक लाख भीड़ जुटने की जानकारी दे रहा है तो अफसरों को क्या केवल इतनी ही फोर्स लगानी चाहिए थी। क्या इन सवालों से पुलिस के उच्चाधिकारी बच सकते हैं।

आश्रम पर पुलिस की नजर
हाथरस में हुए हादसे के बाद मंगलवार देर रात भोले बाबा कस्बा स्थित अपने आश्रम पर पहुंचे। तभी से पुलिस ने आश्रम की किलेबंदी कर दी। हादसे के बाद भोले बाबा आश्रम पर पुलिस की नजर है। हालांकि आश्रम के अंदर बाबा की मौजूदगी से पुलिस इन्कार कर रही है। इसके बाद भी लगातार आश्रम के आसपास लगातार पुलिस की संख्या बढ़ती गई।

इस घटना के जिम्मेदार भोले बाबा रात को ही हाथरस से बिछवां स्थित अपने आलीशान आश्रम में आ पहुंचा। इसकी जानकारी होते ही जिले का प्रशासन भी अलर्ट हो गया। तुरंत ही सीओ भोगांव सुनील कुमार सिंह बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। जैसे-जैसे रात बीतती गई उसी के साथ फोर्स की संख्या भी बढ़ती गई। आश्रम की किलेबंदी करने के साथ ही बाबा को नजरबंद कर दिया गया। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने बाबा के आश्रम में मौजूदगी से इनकार किया। वहीं, आश्रम के एक सेवादार ने भोले बाबा के आश्रम में होने की पुष्टि की। बताया कि मंगलवार को दिन में 3 बजे बाबा आश्रम में आए और तभी से किसी का भी आश्रम में प्रवेश रोक दिया गया है।

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