स्विट्जरलैंड में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शांति शिखर सम्मेलन के लिए भारत ने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है।
रूस और यूक्रेन के बीच बीते दो साल से भी ज्यादा समय से युद्ध चल रहा है। फिलहाल इस संघर्ष के रुकने के संकेत भी नहीं हैं। ऐसे समय में दुनियाभर के 100 से अधिक नेता रूस-यूक्रेन संघर्ष के लिए शांति योजना बनाने के लिए शनिवार को स्विट्जरलैंड में जुटे हैं। इस जमावड़े में अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और यूरोपीय संघ, दक्षिण अमेरिकी, मध्य पूर्व और एशियाई देशों के राष्ट्रपति या प्रमुख भी शामिल हैं।
यह रूस-यूक्रेन के लिए शांति योजना बनाने के अब तक के सबसे महत्वाकांक्षी प्रयासों में से एक है। इसी साल मार्च में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भारत को भी औपचारिक शांति शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था। जनवरी 2024 में स्विस सरकार ने घोषणा की थी कि देश रूस-यूक्रेन युद्ध के शांति फॉर्मूले पर एक वैश्विक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
आइये जानते हैं कि स्विट्जरलैंड वार्ता चर्चा में क्यों है? आखिर प्रस्तावित स्विट्जरलैंड वार्ता क्या है? शिखर सम्मेलन में भारत से कौन शामिल हो रहा है? रूस-यूक्रेन मुद्दा हल करने में भारत की भूमिका क्या हो सकती है?
यह रूस-यूक्रेन के लिए शांति योजना बनाने के अब तक के सबसे महत्वाकांक्षी प्रयासों में से एक है। इसी साल मार्च में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भारत को भी औपचारिक शांति शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था। जनवरी 2024 में स्विस सरकार ने घोषणा की थी कि देश रूस-यूक्रेन युद्ध के शांति फॉर्मूले पर एक वैश्विक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
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