पोखरी (चमोली)। हापला-धोतीधार मोटर मार्ग निर्माण सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीणों ने ढोल-दमाऊं के साथ बयाली तोक में सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही मांगों के निराकरण को प्रधानों का अनशन सोमवार को तीसरे दिन भी जारी रहा जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो संपूर्ण हापला घाटी के ग्रामीण अन्न, जल त्याग देंगे।
आमरण अनशन पर बैठे ग्राम प्रधान माहेश्वरी देवी और प्रधान सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि ग्रामीणों की न्यायोचित मांगाें को पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने जीआईसी गोदली में एनसीसी विंग शुरू कराने, जीआईसी में स्थायी प्रधानाचार्य की नियुक्ति करने, एलोपैथिक चिकित्सालय की स्थापना करने और जीआईसी में कला विषय संचालित करने की मांग उठाई है।
प्रदर्शनकारियों में बलवंत सिंह राणा, नारायण सिंह नेगी, राजबर सिंह राणा, देवेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, सुदान सिंह, सोबत सिह, मातबर सिंह, विजय सिंह आदि शामिल थे। वहीं, शाम छह बजे नायब तहसीलदार थेप सिंह और क्षेत्रीय पटवारी योगेंद्र भंडारी आंदोलनकारियों से वार्ता करने पहुंचे, लेकिन आंदोलनकारी लिखित आश्वासन पर अडे़ रहे। बाद में तहसील प्रशासन की टीम बैरंग लौट गई। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक मौके पर जिलाधिकारी नहीं आ जाते, तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा।
धोतीधार सड़क का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। ग्रामीण की सभी मांगें शासनस्तर की हैं। शीघ्र मौके पर टीम भेजकर ग्रामीणों को मनाया जाएगा।
-देवेंद्र सिंह नेगी, एसडीएम, पोखरी
ग्रामीणों ने नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क पर किया प्रदर्शन
जोशीमठ। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कीड़ा जड़ी के दोहन को लेकर ग्रामीणों के बीच हुआ सीमांकन विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को सुभाई, वल्ली रैनी, बचुरा, सलधार और चाचड़ी गांव के ग्रामीणों ने नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क वन विभाग कार्यालय के सम्मुख प्रदर्शन किया। उन्होंने कीड़ा जड़ी के दोहन के लिए सीमांकन तय किए जाने की मांग उठाई।
ग्रामीणों का कहना है कि उनके क्षेत्र में 210 परिवार कीड़ा-जड़ी का दोहन करते हैं, जबकि पल्ली रैणी और पैंग गांव के सिर्फ 45 परिवार ही जड़ी लेने जाते हैं। इसके बावजूद वन विभाग ने क्षेत्र को आधे हिस्से में बांट दिया है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उपवन संरक्षक राजीव धीमान ने कहा कि अब पांच जून को दोनाें पक्षों के ग्रामीणों की बैठक बुलाई जाएगी। यदि सहमति बन गई, तो ठीक है, नहीं तो कीड़ा-जड़ी के दोहन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य भरत कुंवर, रघुवीर सिंह, पूरण सिंह, सरिता देवी, लक्ष्मी, थानाध्यक्ष रामीराम आदि मौजूद थे।