केंद्र सरकार ने कहा है कि डॉक्टर, स्वास्थ्य एवं फिटनेस विशेषज्ञों के रूप में प्रचार करते वक्त मशहूर हस्तियों, प्रभावशाली लोगों और वर्चुअल इन्फ्लुएंसरों को ‘डिस्क्लेमर और डिस्क्लोजर’ यानी वैधानिक चेतावनी देनी जरूरी होगी। सरकार ने बृहस्पतिवार को अतिरिक्त दिशानिर्देश जारी किए हैं।
सरकार के दिशानिर्देशों में मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्रमाणन प्राप्त करने वाले चिकित्सकों, स्वास्थ्य और फिटनेस विशेषज्ञों को भी जानकारी साझा करते समय या उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देने या स्वास्थ्य संबंधी कोई भी दावा करते समय डिस्क्लोजर करना जरूरी है। ये अतिरिक्त दिशानिर्देश नोडल उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण और भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) के हितधारकों से विचार विमर्श के बाद जारी किए हैं।
ताकि दर्शक समझ सकें यह उपचार का विकल्प नहीं
मंत्रालय ने कहा, उत्पाद का प्रचार करने से पहले हस्तियों, इन्फ्लुएंसरों को स्पष्ट डिस्क्लेमर देना चाहिए, ताकि दर्शक यह समझ सके कि उनके प्रचार को पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसमें कहा गया कि यह डिस्क्लोजर या डिस्क्लेमर तब आवश्यक है जब खाद्य पदार्थों और न्यूट्रास्यूटिकल्स से प्राप्त स्वास्थ्य लाभ, बीमारी की रोकथाम, उपचार या इलाज, चिकित्सा स्थितियों, प्रतिरक्षा बढ़ाने जैसे विषयों पर बात या दावे किए जाएं।
हाथीपांव (लिम्फैटिक फाइलेरियासिस) बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार ने नौ राज्यों के 81 जिलों में मुहिम शुरू की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को इन राज्यों की स्वास्थ्य टीमों से कहा है कि रोग प्रभावित क्षेत्रों के प्रत्येक घर में जाकर लोगों को दवाओं का सेवन कराएं ताकि एक भी व्यक्ति दवा से छूट न सके। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इसी साल फरवरी में अभियान का पहला चरण आयोजित किया गया। इस बार 10 अगस्त से दूसरे चरण का अभियान असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के 81 जिलों में संचालित किया जाएगा।