सोयाबीन में कैंसर रोधी क्षमता होती है। इसमें पाया जाने वाला जेनिस्टिन कीमोथैरेप्यूटिक दवा का काम करता है। यह खुलासा चितकारा विश्वविद्यालय कालूझिंडा के चितकारा अनुसंधान और विकास केंद्र के विशेषज्ञ सहित विभिन्न संस्थानों के शोध अध्ययनकर्ताओं ने किया है। इस शोध अध्ययन में अफगानिस्तान के काबुल का एक विश्वविद्यालय भी शामिल हुआ है। इस अध्ययन के अनुसार जेनिस्टिन सोयाबीन में पाया जाने वाला एक प्रचुर मात्रा में आइसोफ्लेवोनोइड है। जेनिस्टिन विभिन्न प्रकार के कैंसर के खिलाफ एक कीमोथैरेप्यूटिक दवा के रूप में कार्य करता है। मुख्य रूप से यह एपोप्टोसिस यानी कोशिका मृत्यु की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। सेल चक्र और एंजियोजेनेसिस यानी नई रक्त वाहिकाओं के बनने या विकास को संशोधित करता है। यह मेटास्टेसिस को दबाता है।