
चंबा। नगर परिषद और पुरातत्व विभाग में आपसी तालमेल न होने के कारण जिला की सांस्कृतिक धरोहर को खतरा पैदा हो गया है। हेरिटेज एरिया में हो रहे अवैध निर्माण पर दोनाें विभाग एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इससे विभागों में तालमेल की कमी साफ दिख रही है।
जानकारी के मुताबिक हेरिटेज एरिया में आने वाले मंदिरों के आसपास पुरातत्व विभाग की एनओसी के बिना ही धड़ल्ले से निर्माण कार्य हो रहे हैं लेकिन कार्यवाही नहीं हो पाई है। पुरातत्व विभाग के जिला प्रभारी एसके मेहता ने बताया कि नगर परिषद की ओर से नियमों की अनदेखी करके हेरिटेज एरिया में निर्माण करवाया जा रहा है। परिषद की ओर से पुरातत्व विभाग को सूचित किए बगैर लक्ष्मीनारायण मंदिर के आसपास दुकानें तैयार की जा रही हैं। इस बारे नगर परिषद को नोटिस भी जारी किए गए लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला और निर्माण कार्य तेजी से चला हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्राचीन संस्मारक, पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 के तहत सांस्कृतिक धरोहरों के 200 मीटर के दायरे में निर्माण पर पाबंदी है। इस क्षेत्र को विनियमित क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है। यहां पर पूर्व अनुमति के बिना निर्माण नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से निर्माण किया जा रहा है। नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता अनिल ने बताया कि निर्माण को लेकर पुरातत्व विभाग से पूछा था लेकिन विभाग की ओर से पूर्ण रूप से सूचना नहीं दी गई। विभाग के अधिकारी निर्माण स्थल और निर्माणकर्ता का नाम छुपाने की कोशिश करते हैं। पुरातत्व विभाग का दायित्व बनता है कि वह नगर परिषद को सूचित करे, लेकिन अभी तक ऐसी सूचना नहीं मिली है।