
मुंबई: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर के अंडर 14 टीम में सलेक्शन पर विवाद होने लगे हैं। लोगों का कहना है कि औसत प्रदर्शन के बावजूद सचिन के बेटे को टीम में शामिल किया गया। कई प्रतिभाशाली बच्चों के माता-पिता अर्जुन के टीम में चुने जाने पर शक जता रहे हैं। ये लोग अपने बच्चों के शानदार प्रदर्शन के बावजूद टीम में चयन नहीं होने से हैरान हैं।
अर्जुन का बेस्ट स्कोर 124 रन है जो उन्होंने पिछले साल मई में बनाए थे। दूसरा बेस्ट स्कोर 70 रन है जो पिछले हफ्ते शास्त्री इलेवन के लिए वेंगसरकर फाउंडेशन कप में किया था। डॉन बोस्को स्कूल के स्टूडेंट भूपेन लालवानी ने आईईएस मॉडर्न स्कूल के खिलाफ नाबाद 398 रन बनाए थे। उन्होंने 277 गेंदों पर ये रन बनाए,जिसमें 44 चौके भी शामिल थे। लालवानी के पिता कहते हैं कि शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें बेटे के चयन की पूरी उम्मीद थी। शायद चयनकर्ताओं को कोई दूसरा ज्यादा योग्य लगा।
इसी तरह पुष्कर वशिष्ठ भी इस सीजन में शानदार 261 रन बना चुके हैं लेकिन उनका चयन नहीं हुआ। हंसराज मोरारजी स्कूल के स्पिनर सत्यक पटेल ने भी इस सीजन में शानदार प्रदर्शन कर 25 विकेट लिए। अंडर 16 में खेलेते हुए उन्होंने तीन बार 5 विकेट लिए। सत्यक के पिता राजीव कहते हैं वह चयन के तरीके से हैरान हैं। सत्यक ने सीजन में शानदार प्रदर्शन किया था। रमाकांत आचरेकर द्रोणाचार्य कप में भी उसने 19 विकेट लिए थे। बावजूद इसके उसका सिलेक्शन नहीं हुआ।
इसके उलट वीएन सुले गुरूजी के छात्रों आकाश,दर्शन पाडवे और तनुश कोटियन व अंजुमन-ए-इस्लाम के दो छात्रों अजीम और अभिषेक शेट्टी के सीजन में कमजोर प्रदर्शन के बावजूद टीम में सिलेक्शन चौंका रहा है। इसके अलावा टीम में पांच बच्चे ऐसे हैं जिनके स्कूल क्रिकेट के रिकॉर्ड गायब हैं।