
बिलासपुर। शिक्षा के गुणात्मक सुधार को सरकार गंभीर हो गई है। सरकार के अधीन चल रहे ‘गुरुकुलों’ का विधायक भी निरीक्षण करेंगे। सरकारी अधिकारियों, पंचायत प्रधानों के बाद अब विधायक भी स्कूलों का निरीक्षण कर वहां की स्थिति का जायजा लेंगे। सदर के विधायक बंबर ठाकुर ने बिलासपुर से इसकी पहल की है। उन्होंने कहा कि वह कभी भी और कहीं भी दबिश दे सकते हैं। इस दौरान स्कूलों का रिकार्ड चैक करने के साथ अन्य दिशा-निर्देश भी दिए जाएंगे।
लेटलतीफी करने वाले या फिर लापरवाह शिक्षकों की अब खैर नहीं। ऐसे शिक्षकों पर नकेल कसने को विधायक शिक्षा के मंदिरों का रुख करेंगे। दौरे के दौरान यदि किसी शिक्षण संस्थान में किसी तरह की चूक पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों से जवाबतलबी की जाएगी। स्कूल या कालेज में कोई अध्यापक व प्राध्यापक नशे में पाया जाता है, उनके खिलाफ मौके पर ही जांच बैठाई जाएगी। यहां तक कि उन्हें सस्पेंड तक किया जा सकता है। बंबर ठाकुर ने कहा कि हरेक प्राथमिक, उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के साथ कालेज का औचक निरीक्षण किया जाएगा। शिक्षा का ढांचा मजबूत बनाने को हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। सरकार ने इस साल के बजट में सबसे अधिक हिस्सा शिक्षा के लिए रखा है। प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी औचक निरीक्षण कर व्यवस्था जांची जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों के हेल्थ सेंटर और प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। पात्र लोगों को दवाइयां मुफ्त दी जा रही हैं या नहीं। ऐसे तमाम पहलुओं की इस निरीक्षण के दौरान छानबीन भी होगी।