विवि में नकली फॉर्म वाले नहीं दे सकेंगे परीक्षा

विवि में नकली फॉर्म वाले नहीं दे सकेंगे परीक्षा

शिमला
प्रदेश विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा फॉर्म भरने वाले कई विद्यार्थियों को परीक्षाओं से महरूम रहना पड़ सकता है। हिमाचल प्रदेश विवि प्रशासन ने परीक्षा फॉर्मों की स्केनिंग शुरू कर दी है। स्केनिंग की प्रक्रिया में नकली फॉर्म सामने आ जाएंगे।

प्रशासन ने सीधे तौर पर इन फॉर्मों को रद्द करने का फैसला लिया है। इससे बाजार से महंगा फॉर्म खरीद कर विश्वविद्यालय को भेजने वाले विद्यार्थियों की परीक्षा देने की पात्रता खत्म हो जाएगी। कारोबारियों ने मुनाफा कमाने के लिए विवि के फॉर्म छपवा कर मुनाफा तो कमा लिया, लेकिन अब इसका खामियाजा आम विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा।

मामला सामने आते ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले की सूचना पुलिस को दे दी थी, लेकिन अभी तक इस मामले में आगे कार्रवाई नहीं हो सकी है। सूत्र बताते हैं कि प्रशासन ऐसे सभी फॉर्मों को अलग निकाल कर इन्हें भेजने वाले विद्यार्थियों से भी पूछताछ कर सकता है। फॉर्म कहां से खरीदे हैं, इसका पता लगाने के लिए विद्यार्थियों की मदद ली जाएगी।

पुलिस के पास भी नकली फॉर्म भेजे जाने हैं। अभी तक कितने ऐसे फॉर्म प्रशासन के पास पहुंचे हैं, इसका आंकड़ा जुटाने के लिए स्केनिंग की प्रक्रिया चल रही है। विवि प्रशासन ने स्नातक कक्षाओं कंप्यूटरीकृत फॉर्म निकाले। यह फॉर्म विश्वविद्यालय परिसर और डाकघरों में बेचे गए। कई कारोबारियों ने विश्वविद्यालय के नकली फॉर्म तैयार कर बाजार में मनचाही कीमत पर बेचे।

इस मामले को लेकर पुलिस को पत्र भेज दिया है। स्केनिंग खत्म होने के बाद नकली फार्मों की संख्या का पता लग सकेगा।
– डॉ. नरेंद्र अवस्थी, विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक

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