वायुसेना का सरकार पर 63 करोड़ रूपए का किराया बाकी

नई दिल्ली: वायुसेना का विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों पर विमानों एवं हेलीकाप्टरों के किराये के रूप में 63 करोड़ रूपया बकाया है। विदेश मंत्रालय पर सबसे अधिक करीब 44 करोड़ रूपये और गृह मंत्रालय पर करीब 9 करोड़ रूपया किराया बाकी है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पिछले पांच वर्षो में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों ने 229 बार वायुसेना के विमानों का उपयोग किया जिसके एवज में इन मंत्रालयों पर वायुसेना का 63 करोड़ 54 लाख 89 हजार 40 रूपया किराया बकाया है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया, ‘‘कई बार याद दिलाये जाने के बावजूद भुगतान लंबित है और बकाया राशि बढ़ती जा रही है। यह तय किया गया है कि बकाया राशि के भुगतान पर ही आगे वायुसेना का सहयोग निर्भर करेगा।’’ प्राप्त सचना के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने पांच वर्षो में 131 बार वायु सेना के हेलीकाप्टर एवं विमानों का उपयोग किया जिसके एवज में किराये के रूप में मंत्रालय पर 44 करोड़ 52 लाख रूपया बकाया है। 2012-13 में विदेश मंत्रालय ने 50 बार वायु सेना के विमानों का उपयोग किया जिसका 17 करोड़ 65 लाख रूपया किराया बकाया है।

2009-10 में विदेश मंत्रालय ने 45 बार वायुसेना के विमानों का उपयोग किया जिसका 18 करोड़ 10 लाख रूपया किराया बाकी है। 2007-08 वायुसेना के विमानों का 10 बार उपयोग करने के मद में मंत्रालय पर 5 करोड़ 93 लाख रूपया बाकी है जबकि 2004-05 मे 21 बार विमानों का उपयोग करने के मद में विदेश मंत्रालय पर 4 करोड़ 42 लाख रूपया बाकी है।

नियमों के तहत जो लोग वायुसेना के विमान का उपयोग करने की पात्रता रखते हैं, उनके साथ जाने पर कोई किराया नहीं लगता। परंतु जिन लोगों या विभागों को उचित मंजूरी के बाद यह सुविधा मिलती है, उन्हें भुगतान करना होता है।

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