
कंडवाल (कांगड़ा)। शातिरों ने लोन दिलवाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से सवा लाख रुपए ऐंठ लिए। लेकिन, न तो पीड़ित को लोन मिला और न ही पैसे वापस। हारकर उसे कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। पुलिस थाना नूरपुर में कोर्ट के आदेश पर तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी से रकम हड़पने का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार जोगिंद्र सिंह पुत्र गुलाब सिंह निवासी भडवार ने स्थानीय कोर्ट में अर्जी दायर कर आरोप लगाया कि तीन लोगों ने उसे बैंक लोन दिलवाने की एवज में लगभग 1लाख 20 हजार का चूना लगाया। जोगिंद्र के अनुसार 2011 में वह उसके एक दूरदराज के रिश्तेदार मुजेश कुमार उर्फ साहिल पुत्र सुभाष चंद निवासी सुनेहत (देहरा) के पास गया हुआ था। वहां साहिल ने उसकी मुलाकात कालरा एंथन निवासी मुंबई से करवाई। जोगिंद्र के अनुसार मुजेश ने कहा कि कालरा एंथन भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्य प्रबंधक है। उसके बाद मुजेश तथा कालरा एंथन ने जोगिंद्र को 8 प्रतिशत ब्याज पर दस लाख रुपए के बैंक लोन का प्र्रस्ताव रखा तथा जिसके दस्तावेजों के लिए 40 हजार रुपए तक के खर्चे की बात कही। 1 फरवरी 2011 को मुजेश तथा कालरा एंथनी से 40 हजार रुपए लिए और उसे यह आश्वासन दिया कि जल्द ही उसका बैंक लोन मंजूर करवा दिया जाएगा।
वहीं भडवार में पैसे लेने आए दोनों लोगों ने यह भी कहा कि यदि उसका लोन पास न हुआ तो उसके पैसे वापस मिल जाएंगे तथा 500 रुपए प्रतिदिन का ब्याज भी मिलेगा। कुछ माह बीतने के बाद जब जोगिंद्र को बैंक लोन का कोई भी अता-पता नहीं लगा तो उसने दोनों से संपर्क किया। लेकिन दोनों ने जोगिंद्र को यह कहकर टाल दिया कि अभी बैंक लोन के कागजों की प्रक्रिया अधर में है। उसके कुछ समय बाद उक्त दोनों लोगों का जोगिंद्र को फोन आया कि बैंक लोन स्वीकृत करवाने के लिए कुछ और रुपयों की आवश्यकता है। उन्होंने जोगिंद्र को 18470100019307 खाता नंबर दिया, जो मुंबई निवासी कवा मोहम्मद जाफर का था। उसके बाद जोगिंद्र ने अमृतसर से तथा शिमला से लगभग 80 हजार रुपए उक्त खाते में जमा करवाए। उसके बाद जोगिंद्र ने उक्त लोगों को कई बार फोन से संपर्क किया गया। लेकिन कोई बात न बनी। हार कर जोगिंद्र को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। वहीं कोर्ट के आदेश पर नूरपुर थाने में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की पुष्टि करते हुए अतिरिक्त थाना प्रभारी शेर सिंह ने बताया कि उक्त मामले की छानबीन की जाएगी।