हमीरपुर और आसपास के अधिकतर क्षेत्रों में दीमक (सीणक) दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। फसलों और घरों में लगी लकड़ी के साथ-साथ अब पेड़-पौधों को भी दीमक नष्ट कर रही है। हर वर्ष भारत में दीमक की वजह से करोड़ों रुपये की फसलों, वन संपदा, इमारती लकड़ी एवं भंडारण को नुकसान होता है। नेरी महाविद्यालय में कीट विज्ञान विभाग के एचओडी डॉ. वीरेंद्र राणा ने नेरी महाविद्यालय में दीमक की बामी का निष्कासन किया, जो मृदा के करीब तीन फुट नीचे थी। इसकी चौड़ाई 3.8 फुट एवं बामी की चिमनियों की लंबाई लगभग तीन फुट थी। कीट विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान बामी से टरमाइट क्वीन को निष्काषित किया।