मुख्यमंत्री सुक्खू ओपीएस के जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव का तानाबाना कर रहे है तैयार

मुख्यमंत्री सुक्खू ओपीएस के जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव का तानाबाना कर रहे है तैयार
 शिमला

 मंडी संसदीय क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 17 में से केवल पांच सीटें ही मिल पाई हैं। सुक्खू ने पहली कैबिनेट बैठक के बाद ओपीएस को तत्काल लागू करने और दो अन्य गारंटियों को इसी वर्ष धरातल पर उतारने की बात की है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ओपीएस के जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव का तानाबाना कर रहे है तैयार

पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) समेत कांग्रेस के प्रतिज्ञा पत्र की दो और गारंटियों को लागू कर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू मिशन 2024 की चुनावी बिसात बिछा रहे हैं। अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में सुक्खू के लक्ष्य में हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें होंगी। अभी कांग्रेस के पास केवल एक ही सीट मंडी है, तीन अन्य सीटों कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला पर भाजपा काबिज है। मंडी संसदीय क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 17 में से केवल पांच सीटें ही मिल पाई हैं। सुक्खू ने पहली कैबिनेट बैठक के बाद ओपीएस को तत्काल लागू करने और दो अन्य गारंटियों को इसी वर्ष धरातल पर उतारने की बात की है।

राजनीतिक पंडितों के अनुसार सुक्खू ने पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के इस गृह क्षेत्र में आभार रैली की सलाह भी इसी रणनीति के तहत दे डाली है। संगठन के पहले पायदान एनएसयूआई से अपनी यात्रा शुरू करने वाले सुखविंद्र सिंह सुक्खू को कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल का मुख्यमंत्री बनाकर उन पर बड़ा भरोसा जताया है। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को वीरभद्र सिंह के न रहने के बाद वही हिमाचल में कांग्रेस के खेवनहार लगे हैं। ऐसे में हिमाचल में लोकसभा चुनाव में चारों सीटों को अगर सुक्खू सोनिया, राहुल, प्रियंका और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की झोली में डाल पाए तो वह इस विश्वास को कायम रख पाएंगे।

इसी के चलते सुक्खू सरकार ने चुनाव से पहले कांग्रेस के प्रतिज्ञा पत्र मेें शामिल तीन गारंटियों को वायदे के अनुरूप पहली कैबिनेट में मंजूरी दे डाली है। वायदे के मुताबिक ओपीएस के पहली कैबिनेट बैठक से ही लागू करने के आदेश जारी हो गए हैं तो राज्य में 18 से 60 साल की हर महिला को 1500 रुपये देने और एक लाख युवा बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की गारंटियों पर भी मंत्रिमंडलीय उपसमितियां बनाई हैं, जिन्हें एक महीने में रिपोर्ट देकर एक साल में लागू करने की योजना भी बना ली है। यानी सुक्खू ने हिमाचल की आधी आबादी महिला वर्ग और प्रदेश के युवाओं पर फोकस किया है।

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